भोपाल। मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों के लिए सितंबर-अक्टूबर में संभावित उपचुनाव की तैयारी में शिवराज सरकार जुट गई है। मंत्रियों को इन क्षेत्रों में चुनावी समीकरण साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके मद्देनजर विभागीय स्तर पर निर्णय भी लिए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में सड़क, पुल व पुलिया के काम मंजूर किए हैं तो खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने 36 लाख ऐसे उपभोक्ताओं को रियायती दर पर राशन देने का निर्णय लिया है, जिन्हें पात्रता पर्ची नहीं मिल रही थी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के कार्यों की गति बढ़ा दी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने कमल नाथ सरकार द्वारा निरस्त की गई नगर परिषदों को फिर से अस्तित्व में लाने की अधिसूचना जारी कर मतदाताओं को संदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि चुनावी क्षेत्रों से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ वे चुनाव क्षेत्र वाले पूर्व विधायकों के साथ अलग-अलग चर्चा कर उनकी जरूरतें पूछ चुके हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रियों को भी साफ कह दिया गया है कि उपचुनाव तक सभी 27 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यों को प्राथमिकता दें। इसके मद्देनजर ही लोक निर्माण विभाग ने विधानसभा क्षेत्रों के लिए करीब दो सौ करोड़ रुपये की सड़क, पुल और पुलिया के कार्यों को मंजूरी दी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने उन 36 लाख हितग्राहियों को एक रुपये किलोग्राम में चावल, गेहूं और नमक देने का फैसला किया है, जो अभी तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आ पाए हैं। दरअसल, प्रदेश की कुल आबादी का 75 फीसदी हिस्सा ही कानून के दायरे में आता है। यह कोटा पूरा हो चुका है इसलिए पात्रता होने के बाद भी इन्हें पात्रता पर्ची नहीं मिल पाती है। पात्रता पर्ची के बिना उचित मूल्य की राशन दुकान से खाद्यान्न नहीं मिलता है। इस काम को कराने के लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर काफी समय से प्रयास कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इन सभी हितग्राहियों को राज्य शासन की ओर से राशन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मनरेगा के काम में तेजी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने लॉकडाउन में लौटे प्रवासी श्रमिकों सहित ग्रामीणों को रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा के काम तेजी से प्रदेश में शुरू कराए हैं। चुनाव क्षेत्र वाली पंचायतों में इन कामों की गति अधिक है। इसे लेकर सियासत भी होने लगी है।
चहेतों को उपकृत किया जा रहा है
पूर्व सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने इसे मजदूूरी घोटाला करार देते हुए जांच की मांग की है। डॉ. सिंह का कहना है कि चुनाव वाले क्षेत्रों में फर्जी मस्टर रोल तैयार कर चहेतों को उपकृत किया जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सुरखी सहित अन्य नगर परिषदों को फिर से अस्तित्व में लाने की अधिसूचना जारी कर दी है। सुरखी विधानसभा का उपचुनाव होना है। यहां से कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत विधायक थे, जिन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सिंधिया के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। राजपूत शिवराज सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्री हैं।
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