भोपाल। राज्य शासन (State Government) ने नई तबादला नीति जारी कर दी है। जिसके तहत जुलाई महीने में थोकबंद तबादले होंगे। सरकार ने तबादलों से प्रतिबंध जरूर हटा लिया है, लेकिन तबादला प्रक्रिया (Transfer Process) में सख्ती बढ़ा दी है। अब विभाग 31 जुलाई के बाद एक भी तबादला आदेश (Transfer Order) जारी नहीं कर पाएंगे। यदि तबादले किए भी तो वह निरस्त माने जाएंगे। क्योंकि तबादला आदेश की सूची संबंधित विभाग को 31 जुलाई 2021 से पहले सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) को मेल करनी होगी। इसके बाद जो भी तबादला आदेश (Transfer Order) जारी होंगे, वह मान्य नहीं होंगे।
सरकार हर साल तबादलों से रोक हटाती है, लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से तबादले नहीं हो पाए। इस बार मंत्रियों की मनमानी पर रोक लगा दी है। पिछले सालों में मंत्री तबादले से रोक की अवधि बीतने के बाद बैकडेट (Back Date) में थोकबंद तबादला आदेश जारी करते थे। तब तबादलों में लेन-देन के आरोप भी लगते थे। लेकिन इस बार तबादला नीति के जरिए सरकार ने यह व्यवस्था बदल दी है। इस बार विभाग प्रमुख सभी तबादला आदेश शासकीय इमेल द्वारा जारी करेंगे। निर्धारित अवधि के बाद जो आदेश जारी होंगे, वे स्वमेव शून्य माने जाएंगे। यदि कोई विभाग इसके लिए तकनीकी खराबी या अन्य तर्क देंगे तो भी वह मान्य नहीं होगा और तबादला सूची को मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमोदिन कराना होगा। 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच जिनके तबादला आदेश जारी किए गए हैं, यदि उनका फिर से तबादला किया जाता है तो इसके लिए मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमोदन लेना होगा। मंत्री अपने हिसाब से तबादला नहीं कर पाएंगे। ऐसे कर्मचारी नेताओं का भी तबादला होगा, जो लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हैं। तबादला नीति में उन्हें सिर्फ उनके दो कार्यकाल या 4 साल तक तबादले से छूट रहती है।
विभागाध्यक्षों से छीने अधिकारी
इस बार सरकार ने विभागों से भी तबादलों के अधिकार छीन लिए हैं। पिछले सालों तक विभागाध्यक्ष मंत्री के अनुमोदन के बाद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादला आदेश जारी करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार विभागाध्यक्ष सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादला आदेश मंत्री के अनुमोदन के बाद जारी कर सकेंगे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के तबादले मंत्री के अनुमोदन के बाद एसीएस या प्रमुख सचिव करेंगे।
नीति में तबादलों पर सख्ती
आमतौर पर सामान्य प्रशासन विभाग को यह शिकायतें मिलती हैं कि तबादले के बाद भी अधिकारी खुद रिलीव नहीं होते हैं या फिर उन्हें रिलीव नहीं किया जाता है। इस बीच वे कोर्ट भी चले जाते हैं। तबादला आदेश जारी होने के दो सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से रिलीव होना होगा। जरूरी होने पर सक्षम अधिकारी तबादला आदेश जारी करने वाले अधिकारी से लिखित अनुमति लेकर 10 दिन तक रोक सकेगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी स्वत: रिलीव हो जाएगा। तबादले की तत्काल बाद अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश पर नहंीं जा पाएंगे, उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग से अवकाश स्वीकृत कराना होगा।
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