खंडवा (Khandva)। नामीबिया (Namibia) से लाए गए मध्यप्रदेश (MP) में चीतों (Cheetahs) की लगातार मौत का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, पर प्रदेश के वनमंत्री ने बताया है कि तेज गर्मी से चीतों की मौत हुई है। इनमें से किसी भी चीते की मौत भूख से नहीं बल्कि उनके कॉलर आईडी पर मक्खी के बैठने से हुई थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह शनिवार को खंडवा पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर खुशी जताई है। विजय शाह खुद को इसका क्रेडिट देते हुए कहा कि प्रदेश तीसरी बार टाइगर स्टेट बना है। पहली और दूसरी बार जब मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट बना था उस समय मैं वन मंत्री था, तीसरी बार टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त होने के समय भी मैं ही वन मंत्री हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत शामिल है।
मंत्री विजय शाह ने कूनो में हो रही चीतों की मौत पर जवाब देते हुए कहा कि भारत आए चीतों सर्वाइवल रेट 50 फीसदी है। उन्होंने दावा कि ये दुनिया में पहली बार हुआ है जब चीते एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप लाए गए है। शाह ने कहा कि जब चीते किसी अन्य जगह जाते हैं तो सर्वाइवल रेट 50 फीसदी ही होता है। उन्होंने कूनों में चीतों के मौत की वजह तेज गर्मी बताया। विजय शाह ने कहा कि चीतों को कूनों में छोड़ने के समय मेरी सलाह नहीं मानी गई, हालांकि मैं विशेषज्ञ नहीं जो टीका टिप्पड़ी करूं, लेकिन मेरा मानना है कि चीतों की मौत तेज गर्मी के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग से कहा था कि वहां बोलेरो कवर लगा दिया जाए, जिससे चीतों को छाया मिले, लेकिन विशेषज्ञ के कारण हमारी सलाह नहीं मानी गई।
हाल ही में शावकों के मौत पर विजय शाह ने कहा कि जिन तीन शावकों की मौत हुई, उन्हें हम गिनती में नहीं लेते. चीतों की कॉलर आईडी से पता चला है कि उनकी मौत भूख, एक्सीडेंट या लापरवाही के कारण नहीं हुई है। 11 चीतों की सुरक्षा पर एक गाड़ी लगी हुई है जो उनको मॉनिटरिंग करती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम चीजों को शिफ्ट करने का प्लान बना रहे हैं।
वनमंत्री विजय शाह ने कहा कि आने वाले समय बुरहानपुर रिजर्व फॉरेस्ट, ओमकारेश्वर और नर्मदा नगर में अभ्यारण्य बनाने की योजना है, हालांकि ये अभी भी अभ्यारण्य ही हैं लेकिन सिर्फ नाम उसका अलग है। वहां रिजर्व फॉरेस्ट के नाम पर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं हैं। सबकी राय लेकर आने वाले समय 2024 में इस काम को पूरा करेंगे।
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