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मंत्री, अफसरों को तीन दिन में लौटानी होगी File

September 14, 2021

  • मुख्यमंत्री ने कहा प्रभार वाले जिलों में जनदर्शन करें मंत्री

भोपाल। अब मंत्री और विभागीय अधिकारी (Departmental Officer) फाइलों को बेवजह रोककर नहीं रख पाएंगे। उन्हें तीन दिन के भीतर फाइल का निराकरण करके लौटानी होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कैबिनेट बैठक में अनोपचारिक चर्चा में मंत्रियों को गुड गवर्नेंस (Good Governance) का पाठ पढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गुड गवर्नेंस को हर स्तर पर लागू करना है। सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में महीने में कम से कम एक दिन जनदर्शन करें।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि विभाग नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे विभाग प्रमुख के साथ समन्वय बनाकर नवाचारों पर फोकस करें। इसको लेकर महीने में कम से कम एक बार बैठक करें और आम जनता से जुड़ी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत लोगों तक पहुंचे, इसके लिए पूरी क्षमता के साथ प्रयास करें। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि गुजरात मॉडल के तहत गुड गवर्नेंस मॉडल (Good Governance Model) को मध्य प्रदेश में लागू किया जा चुका है, लेकिन कोरोना (Corona) के कारण पिछले एक साल से वह ब्रेक हो गया था। लेकिन अब इसे निरंतर करने का निर्णय लिया गया है। मिश्रा ने कहा कि सरकार ने जनहित में कई फैसले लिए हैं, जिन्हें जनता तक पहुंचाना है। प्रभार वाले जिलों में मंत्रियों को योजनाओं के प्रचार प्रसार का दायित्व सौंपा गया है।

17 सितंबर से फिर शुरू होगी जनसुनवाई
गृह मंत्री ने बताया कि हर जिले में एक बार फिर जनसुनवाई 17 सितंबर से शुरु होगी। सीएम हेल्पलाइन को भी अब नए स्वरूप में लागू करने की तैयारी है। इसी तरह समाधान ऑनलाइन सेवा को अब मोबाइल पर लागू करने का निर्णय लिया गया है।

विशेष भर्ती अभियान में एक वर्ष की वृद्धि
कैबिनेट ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के बैकलॉग/ कैरीफारवर्ड पदों तथा नि:शक्तजनों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक एक वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।

एथेनॉल के लिए सरकार देगी मदद
कैबिनेट ने एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किये जाने का निर्णय लिया गया। उत्पादन से जुड़े प्लांट एवं मशीनरी मे किये गये पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक, पेट्रोलियम तेल उत्पादन कंपनियों को इकाई द्वारा उत्पादित एथेनॉल प्रदाय करने पर 1.50 रुपए प्रति लीटर की वित्तीय सहायता वाणिज्यिक उत्पादन की दिनांक से 7 वर्ष के लिये प्रदान की जायेगी। इकाइयों के लिए भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 साल के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

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