रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के नाम खनन लीज मामले (mining lease case) में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसे लेकर झारखंड में सियासी सरगर्मी (Political agitation in Jharkhand) फिर से तेज हो गई है। अगले कुछ दिनों के संभावित कई घटनाक्रमों को आपस में जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक राज्य के लिये अगले कुछ दिनों को बेहद अहम मान रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ महागठबंधन दलों की शनिवार को बैठक बुलाई है।
वहीं, कांग्रेस ने इसे लेकर अपने विधायकों को 20 तक राज्य में रहने को कहा है। संसदीय कार्य मंत्री ने इस बैठक को मानसून सत्र के दौरान विधायकों की ओर से क्षेत्र की रखी गई समस्याओं का समाधान निकालने के लिये बुलाई गई बताया है। हालांकि दुमका विधायक मुख्यमंत्री के भाई बसंत सोरेन के मामले में 22 अगस्त को निर्वाचन आयोग में सुनवाई निर्धारित है।
अगले कुछ दिनों के संभावित बड़े घटनाक्रमों में से एक चुनाव आयोग का फैसला होगा। मुख्यमंत्री के नाम खनन लीज मामले में आयोग ने सुनवाई पूरी कर ली है। आयोग के निर्देशानुसार इस मामले में दोनों पक्षों (भाजपा नेता और मुख्यमंत्री) की ओर से लिखित दलीलें आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर दी है। आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। चर्चा 24 अगस्त तक फैसला आने को लेकर चल रही है।
दल-बदल के सातों मामले की 30 को होगी सुनवाई
स्पीकर न्यायाधिकरण में दल-बदल मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त को निर्धारित की गई है। सभी सातों मामले में सुनवाई होगी। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ कुल सात मामलों में सुनवाई चल रही है।
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