निगम की खस्ताहाल स्थिति के चलते वार्डों में अधिक विकास कार्य फिलहाल कराने में आएंगी परेशानियां
इंदौर। नगर निगम (Nagar Nigam) ने अपने तीन नए झोन (Zoe) के साथ सभी 22 पर अध्यक्षों को तय कर दिया। चूंकि परिषद में भाजपा (BJP) का ही बहुमत है। लिहाजा भाजपा के ही पार्षदों को झोन अध्यक्ष बनाया गया। ऐनवक्त पर हालांकि कुछ झोन अध्यक्षों के नाम बदले भी गए, जो एक दिन पहले रात को तय किए गए थे। हालांकि कल अग्निबाण (Agniban) ने सभी 22 झोन अध्यक्षों के नामों का खुलासा कर दिया था। मिनी महापौर ये झोन अध्यक्ष कहलाएंगे और इन्हें आर्थिक तथा अन्य कई अधिकार भी हासिल होंगे। निगम अधिनियम में ही वार्ड अध्यक्षों के अधिकार चिन्हित किए गए हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव की मंशा अनुरूप ये सभी 22 झोनों पर वार्ड समिति अध्यक्ष के निर्वाचन सम्पन्न हुए। सभापति मुन्नालाल यादव ने कल पहली बैठक आहूत की थी, जिसके चलते आयुक्त हर्षिका सिंह ने निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति के साथ उसकी प्रक्रिया के दिशा-निर्देश जारी कर दिए। फिलहाल तो 50 हजार तक के वित्तीय अधिकार झोन अध्यक्ष को हैं पर इसमें बढ़ोतरी एमआईसी द्वारा की जा सकेगी। चूंकि अभी तो नगर निगम की माली हालत अत्यंत खस्ता है, जिसके चलते ये वार्ड अध्यक्ष भी अपने-अपने वार्डों में मनचाहे विकास कार्य नहीं करवा सकेंगे और अभी एक पखवाड़े बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लागू हो जाएगी और आचार संहिता के चलते सभी तरह के कामकाज भी ठप रहेंगे। झोन अध्यक्ष एक तरह से मिनी महापौर रहते हैं और जो वार्ड उनके अधीन होते हैं, उसमें सभी तरह के विकास कार्य करवाने से लेकर महत्वपूर्ण निर्णय वार्ड समितियों और अध्यक्ष द्वारा ही लिए जाते हैं। इसे एक तरह का विकेंद्रीकरण भी किया गया है और महापौर का कहना है कि आम नागरिकों को उनके वार्ड में ही सुविधाएं मिल सकें और झोनल अथवा निगम मुख्यालय बार-बार आना ना पड़े, इसलिए वार्ड समिति अध्यक्ष के चुनाव कराए गए हैं। हालांकि प्रक्रिया में थोड़ा समय भी इन झोन अध्यक्षों को लगेगा।
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