नई दिल्ली । न्यूजीलैंड (New Zealand)में एक लाख 20 हजार साल पुराना एक ज्वालामुखी(Volcano) है। इस ज्वालामुखी को स्थानीय लोग पवित्र(The volcano is considered sacred by the local people) मानते हैं। इसकी खासियत है कि इसे इंसानों जैसे कानूनी अधिकार(legal rights as humans) प्राप्त हैं। 2017 में सरकार ने ज्वालामुखी को मनुष्यों जैसे अधिकार देकर ऐतिहासिक निर्णय लिया था।
माउंट तरानाकी नाम के इस ज्वालामुखी को न्यूजीलैंड की सरकार ने व्यक्ति के समान कानूनी अधिकार दिए गए हैं। यह उत्तरी द्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। स्थानीय माओरी जनजाती इसे ‘पवित्र’ पर्वत के रूप में जानते हैं और इस जनजाति का ज्वालामुखी से खास लगाव है। ये इसे अपने पूर्वज और परिवार के एक सदस्य के रूप में देखते हैं। स्थानीय लोगों की भावनाओं को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया।
ज्वालामुखी को क्या कानूनी अधिकार
सरल शब्दों में, कानूनी अधिकार से मतलब है- पहाड़ को नुकसान पहुंचाने, उसका दुरुपयोग करने या उसे नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी व्यक्ति जनजाति को नुकसान पहुंचाने के समान होगा। माउंट तरानाकी को 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश रिसर्चर जेम्स कुक ने माउंट एग्मोंट नाम दिया था।
लाइव साइंस के अनुसार, यह समुद्र तल से 8261 फीट (2,518 मीटर) ऊपर स्थित है। पहाड़ की ढलानों के चारों ओर एग्मोंट नेशनल पार्क है जो 12 मील तक फैले हरे रंग की एक लगभग-परफेक्ट रिंग जैसा दिखता है। इसके अलावा, ज्वालामुखी शिखर के चारों ओर पेड़ों का एक खंड है जिसे ‘गोब्लिन्स फ़ॉरेस्ट’ के नाम से जाना जाता है। द गार्जियन के अनुसार, लगभग 120000 वर्ष पुराना माउंट टारनाकी आखिरी बार 1775 में फटा था और आज तक निष्क्रिय है।
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