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Australia में लाखों चूहे बने नई आफत, सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला

May 28, 2021

नई दिल्ली । एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Corona virus) महामारी से संघर्ष कर रही है, वहीं दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया (Australia) चूहों से बहुत ज्यादा परेशान है. फैक्ट्री और खेतों से निकलने वाले इन चूहों (Mouse) की संख्या लाखों में है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया (Australia) के लोगों को न सिर्फ परेशान कर दिया है बल्कि वहां लोग चूहों से डरे हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी इलाकों में तो इन चूहों ने खेतों को नष्ट कर दिया है और गोदामों में ये बड़ी संख्या में फसलों को खा रहे हैं.

छोटे चूहे बने बड़े संकट का कारण
ये चूहे अस्पतालों और घरों में भी घुस चुके हैं, जिससे लोगों में प्लेग बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए चूहों को मारने की तैयारी कर ली है और साथ ही प्रभावित लोगों के लिए 353 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है.


चूहों से जुड़ी दिलचस्प बातें
– आपने देखा होगा कि चूहे हर चीज कुतर जाते हैं, लेकिन कभी सोचा है क्यों? असल में चूहों के दांत हर साल 4 से 5 इंच बढ़ जाते हैं, अगर वो किसी चीज को कुतरकर अपने दांतों को छोटा न करें तो उनके जबड़े इतने बड़े हो जाएंगे कि ये बिना कुछ खाए मर जाएंगे. इसलिए, ये अपने आप को जिंदा रखने के लिए सामानों को कुतरते हैं.
– फ्रांस ने अतंरिक्ष कार्यक्रम के तौर पर सबसे पहले वर्ष 1961 में एक चूहे को अंतरिक्ष में भेजा था, जिसका नाम था Hector, जो सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लौटा था.
– चूहे की हड्डियां इतनी लचीली होती हैं कि अगर वो 50 फीट की उंचाई से भी कूदे तो जिंदा बच जाता है.
– चूहा बुखार से लेकर प्लेग तक 35 प्रकार की बीमारियों को फैला सकता है, इसलिए इसे बामारी फैलाने के मामले में सुपर स्प्रेडर माना जाता है.
– रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाने वाला कंगारू चूहा जिंदगी भर पानी नहीं पीता है, यानी ये बिना पानी पिए जिंदा रह सकता है.
– हर चूहे की ये खूबी होती है कि वो संकट के समय लगातार तीन दिनों तक पानी में तैर सकते हैं, और अगर पानी में डूब भी जाएं तो 30 मिनट तक अपनी सांस रोक सकते हैं. यानी ये पानी में भी काफी देर तक जिंदा रह सकते हैं.
– चूहों की खास बात ये होती है कि अगर उन्हें सिखाया जाए तो वो अपना नाम याद रख सकते हैं और ये जमीन के अंदर लैंड माइंस भी ढूंढ सकते हैं.
– शायद आपको पता नहीं होगा कि अगर हम दुनिया के सभी चूहों को मार दें, तो इंसानों का अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा, क्योंकि ऐलोपैथी की सभी दवाओं की टेस्टिंग सबसे पहले चूहों पर ही होती है, जिससे दवाओं के असर का पता चलता है. अगर टेस्टिंग नहीं होगी तो दवाएं भी नहीं बन सकेंगी.
– इसकी खास वजह ये है कि चूहों के दिमाग की बनावट और उनका स्वभाव इंसानों से काफी मिलता जुलता है. लेकिन, मजेदार बात ये है कि चूहे का दिल एक मिनट में 632 बार धड़कता है, जबकि इंसानों का दिल 60 से 100 बार धड़कता है. चूहों की ये खास बातें ही इन्हें इतना मजबूत बनाती हैं कि ये हर तरह के माहौल में जिंदा रह जाते हैं.

दुनिया में चूहों की आबादी
– पूरी दुनिया में 64 प्रकार के चूहे पाए जाते हैं, जिनकी आबादी 2 हजार करोड़ है, जबकि मनुष्य की कुल आबादी पूरी दुनिया में 790 करोड़ है, यानी मनुष्यों की आबादी से दो गुना ज्यादा चूहे हमारे बीच में हैं.
– दुनिया के सभी देशों में चूहे पाए जाते हैं, कोई भी देश ऐसा नहीं है, जो चूहों की समस्या से जूझ नहीं रहा हो.
– चूहों की समस्या इसलिए ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि ये चूहे हर साल 24 लाख से 2 करोड़ 60 लाख टन तक अनाज खा जाते हैं.
– शायद आपको इन छोटे से चूहों के खाने की क्षमता का अंदाजा नहीं है. 6 चूहे मिलकर एक दिन में एक आदमी का खाना खा जाते हैं. सोचिए, कितना खाते हैं ये छोटे से चूहे.

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