एम्बुलेंस देख लगाई दौड़… आज किया जाएगा बच्ची को परिवार के सुपुर्द
इंदौर। लवकुश चौराहे (Lavkush Crossroads) से टीम (Team) की गिरफ्त में आए लखपति भिक्षुक महिला के पति ने बच्ची को छुड़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। चार दिन से लगातार विभाग के दफ्तर में चक्कर लगा रहे पिता ने बेटी (Daughter) के लिए बेहोश होने का नाटक किया तो अधिकारियों ने जब एम्बुलेंस बुलाई तो उसने सरपट दौड़ लगा दी। हालांकि आज बच्ची को परिवार के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
खुद को दिव्यांग बताकर हजारों रुपए कमाने वाली भिक्षुक महिला के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद से संस्था में रखवाई गई बच्ची को पाने के लिए माता-पिता न केवल अधिकारियों के हाथ-पैर जोड़ रहे हैं, बल्कि एड़ी-चोटी का जोर लगाकर तरह-तरह के प्रयास भी कर रहे हैं। कल कलेक्टर कार्यालय पहुंचे राजस्थान के भिक्षुक दम्पति ने हंगामा किया। महिला जहां रो-रोकर बच्ची को लौटाने की गुहार लगा रही थी, वहीं पति दो बार बेहोश होकर गिर पड़ा। अधिकारियों ने 108 एम्बुलेंस को सूचना देकर उसे अस्पताल भेजने की तैयारी की तो एम्बुलेंस के पास पहुंचते ही पिता ने सरपट दौड़ लगा दी। कुछ दिनों पूर्व कलेक्टर द्वारा चलाए गए भिक्षुकमुक्त अभियान के तहत महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को लवकुश चौराहे पर इस आठ साल की बच्ची के साथ भीख मांगते बैसाखी पर चलती महिला मिली थी। टीम को देखकर महिला ने बैसाखी छोड़ दौड़ लगा दी थी। आखिरकार हाथ लगने के बाद उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ। तब ज्ञात हुआ कि वह लखपति है। उसके खाते में लाखों रुपए के साथ बेटे के नाम की एफडी भी है। बेटी प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपए भिक्षावृत्ति से कमाती है।
भिक्षुक पकड़ाने के लिए 27 ने लगाए फोन… चार को मिलेगा इनाम
फोन लगाओ… भिक्षुक पकड़ाओ… एक हजार पाओ… की रणनीति पर काम कर रहे महिला एवं बाल विकास विभाग को जारी वाट्सऐप नं. 9691729017 पर अब तक लगभग 27 से अधिक शिकायतें मैसेज के माध्यम से प्राप्त हुई हैं। पहले दिन 17 शिकायतें ग्रुप में विभिन्न चौराहों की डाली गई थीं। दूसरे दिन 6 प्रकरण दर्ज किए गए, वहीं तीसरे दिन चार ही शिकायतें बाल भिक्षुकों की मिली। महिला एवं बालविकास विभाग के अधिकारी रामनिवास बुधोलिया के अनुसार मिली शिकायतों में से चार शिकायतें सही पाई गई हैं, जिन्हें आज हजार-हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। भिक्षुक मुक्त शहर के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने जो रणनीति तैयार की है, उसके तहत चालीस चौराहों पर सात टीमों ने सुबह और शाम गश्त लगाई, वहीं एक हजार रुपए प्रति भिक्षुक के इनाम की घोषणा भी की गई।
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