नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 24 मई को FSS अधिनियम, 2006 के तहत मानव दूध की प्रोसेसिंद या बिक्री की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. एफएसएसएआई ने यह भी सलाह दी है कि मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण से संबंधित सभी गतिविधियों को रोक दिया जाना चाहिए. 24 मई को इस संबंध में ‘मानव दूध और उसके उत्पादों के अनधिकृत व्यावसायीकरण पर सलाह’ नामक शीर्षक से एक एडवाइजरी जारी की थी.
इसमें कहा गया है कि एफएसएसएआई ने “एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत मानव दूध की प्रोसेसिंग और/या बिक्री की अनुमति नहीं दी है.” बकौल एफएसएसएआई, “इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि मानव दूध और उसके उत्पादों के कमर्शियलाइजेशन से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए. इसके किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियम/विनियमों के अनुसार एफबीओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो सकती है.”
इसमें कहा गया है, “इसके अलावा, राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘मां के दूध/मानव दूध’ के प्रसंस्करण या बिक्री में शामिल ऐसे एफबीओ (फूड बिजनेस ऑपरेटर) को कोई लाइसेंस/पंजीकरण नहीं दिया जाए.”
इससे पहले 21 मई को, खाद्य नियामक ने यह भी कहा था कि उसे दो प्रमुख ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों के नमूनों में एथिलीन ऑक्साइड का कोई निशान नहीं मिला है, जिनका 28 मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया था. उनके अनुसार, छह अन्य प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट अभी भी लंबित हैं. पिछले महीने, एफएसएसएआई ने हांगकांग और सिंगापुर द्वारा गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के पाउडर के रूप में मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया था. हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं को अनुमति सीमा से अधिक एथिलीन ऑक्साइड की उपस्थिति का हवाला देते हुए एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाला मिश्रण उत्पादों को नहीं खरीदने के लिए कहा था.
ये उत्पाद हैं एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर, और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर. सूत्रों के मुताबिक, 22 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और एफएसएसएआई के क्षेत्रीय निदेशकों के माध्यम से एक अखिल भारतीय अभियान शुरू किया गया था. सूत्रों ने कहा कि एवरेस्ट मसालों के नमूने उनकी दो विनिर्माण सुविधाओं से उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई ने अपनी 11 विनिर्माण सुविधाओं से एमडीएच से 25 नमूने उठाए हैं.
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