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    देश में 8 लाख करोड़ रुपये का होता है Milk Production: रुपाला

  • November 13, 2021

    भोपाल। देश में पशुधन (livestock in the country) के क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर पिछले पांच साल में आठ प्रतिशत से अधिक है। यह दर मेन्यूफेक्चरिंग क्षेत्र (manufacturing sector) से भी अधिक है। देश में 8 लाख करोड़ रुपये का दुग्ध उत्पादन (milk production) होता है, जो गेहूँ, दलहन, तिलहन के कुल उत्पादन से भी अधिक है। यह जानकारी केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने शनिवार को पशुपालन डेयरी के क्षेत्र में राजधानी भोपाल की प्रशासन अकादमी में आयोजित केंद्रीय योजनाओं एवं उद्यमिता विकास पर संवाद कार्यक्रम में दी।

     

    उन्होंने इस दौरान युवा वर्ग का आह्वान करते हुए कहा कि पशुधन क्षेत्र में बढ़ते लाभ का फायदा उठाएं। रोजगार स्थापित कर दूसरों को भी रोजगार दें और देश को खाद्य क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाते हुए आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दें।

     



    केन्द्रीय मंत्री रुपाला ने मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने के इस कार्यक्रम का प्रदेश ही नहीं देश के पशुपालकों को भी बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय द्वारा पशुपालकों, उद्यमियों आदि को सीधे केन्द्रीय योजनाओं की जानकारी देने के लिये संवाद कार्यक्रम आरंभ किये गये हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

     

    कार्यक्रम में केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी सचिव अतुल चतुर्वेदी ने विस्तार से पशुधन क्षेत्र में लाभकारी योजनाओं और इनके क्रियान्वयन से तेजी से बढ़ते लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पशुपालन से आय बढ़ाने वाले कार्यक्रम किसान के द्वार तक पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। सोमवार, 15 नवम्बर से किसान क्रेडिट कार्ड अभियान चलाया जाएगा। पशुओं का आधार कार्ड बनेगा, जिससे देश-विदेश में उनसे संबंधित उत्पाद विक्रय से आय बढ़ेगी। पशुपालकों की संकट के समय मदद के लिये केसीसी दिये जा रहे हैं। अब तक 66 हजार 256 कार्ड जारी हो चुके हैं।

     

    कार्यक्रम में मप्र गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्मामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि प्रदेश में गौ-वंश सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन का रोडमेप तैयार किया गया है। उन्होंने राज्य और केन्द्र सरकार के अधिकारियों द्वारा उद्यमियों से संवाद की नई परंपरा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्वर्णिम मध्यप्रदेश के साथ ही स्वर्णिम भारत का सपना भी साकार होगा।

     

    कार्यक्रम में गौ, भैंस, बकरी, कुक्कुट, शूकर पालकों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा की। केंद्रीय संयुक्त सचिव ओपी चौधरी ने केन्द्रीय योजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया। राष्ट्रीय पशुधन मिशन (उद्यमिता) में पोर्टल प्रदर्शन के माध्यम से उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं के तहत शासकीय और बैंक से मिलने वाली आर्थिक सहायताओं की विस्तृत जानकारी दी गई।

     

    मप्र पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, पशुपालन एवं डेयरी संचालक आरके मेहिया, पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरिया, पशुपालक, उद्यमी और पशुपालन विभाग के सभी जिलों के अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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