उज्जैन। शहर सहित जिले में गर्मी के दिनों में मवेशियों के चारे के लिए भूसे की पर्याप्त मात्रा है। बावजूद इसके पिछले दिनों दूध व्यवसायियों ने दूध के दाम 4 रुपए लीटर इसकी कमी का हवाला देकर बढ़ा दिए। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि उज्जैन में मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध है और राजस्थान और महाराष्ट्र में करीब दो गुना महंगा बिकने के कारण इसे ट्रकों में भरकर रोज यहाँ से भेजा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल से शहर और जिले के दूध व्यापारियों ने बगैर जिला मूल्या निर्धारण समिति को विश्वास में लिए गर्मी तथा इस सीजन में पशुओं के खाने के उपयोग में आने वाले भूसे की कमी का हवाला देते हुए दूध के दाम 4 रुपए लीटर बढ़ा दिए थे और दूध 1 अप्रैल से 52 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 56 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया था।
कमी हुई तो फिर बढ़ेंगे दूध के दाम, प्रशासन का नियंत्रण नहीं
जानकारों का कहना है कि 8 रुपए किलो का भूसा महाराष्ट्र और राजस्थान में 14 रुपए किलो बेचने की इससे संबंधित व्यवसायियों में होड़ मची हुई है। इसी तरह अगर उज्जैन जिले के मवेशियों के हिस्से का भूसा इन दो राज्यों में जाता रहा तो जल्द ही यहाँ भूसे की किल्लत हो जाएगी और एक बार फिर दूध व्यवसायियों को इसकी कमी का हवाला देकर दूध के दाम बढ़ाने का बहाना मिल जाएगा। जिला प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना होगा।
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