गुवाहाटी। मणिपुर में हिंसा के चलते बड़ी संख्या में लोगों का राज्य से पलायन हो रहा है। 1100 से ज्यादा मणिपुर के जिरिबाम जिले और इसके आसपास के इलाकों से सीमा पार कर असम के चाचर जिले पहुंचे हैं। पलायन करने वाले अधिकतर प्रवासी मणिपुर के कुकी समुदाय के हैं। इन लोगों को डर है कि उनके घरों पर हमला हो सकता है। दरअसल गुरुवार की रात कुछ लोगों ने पीड़ितों के घर पर हमला किया था, जिसके बाद डर कर कुकी समुदाय के लोग असम पहुंच गए हैं।
हमले के बाद छोड़ा अपना घर
पलायन कर असम पहुंचने वाले लोगों ने बताया कि ‘गुरुवार रात करीब 10 बजे उन्हें शोर सुनाई दिया, जिसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि उन पर हमला हुआ है। इस दौरान पथराव हुआ और हमें धमकी दी गई।’ असम पहुंचने वाले 24 वर्षीय वैकी खोंगसाई नामक युवती ने बताया कि वह अपने परिजनों के साथ अपना घर छोड़ आए हैं। वैकी ने बताया कि गुरुवार की सुबह मैती और कुकी समुदाय के बीच शांति वार्ता हुई थी और दोनों समुदायों ने एक दूसरे को सुरक्षा का वादा किया था। हालांकि रात में उन्हें पता चला कि यह एक झूठा समझौता था।
सेना हालात नियंत्रित करने की कर रही कोशिश
खोंगसाई ने बताया कि सेना हालात को काबू करने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी भी डर का माहौल है और इसी वजह से वह कुछ समय के लिए अपने घर छोड़कर असम पहुंचे हैं। उसने कहा कि जब तक वहां सेना हैं हम सुरक्षित हैं लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि सेना हर समय हमारी रक्षा करेगी। यही वजह है कि आधी रात को हम लोग असम की सीमा पारकर यहां पहुंच गए।
असम में लगाए गए कैंप
वहीं असम के डिप्टी कमिश्नर रोहन कुमार झा ने शुक्रवार सीमाई इलाकों का दौरा किया और जिला प्रशासन को लोगों की सुविधा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। मणिपुर से असम पहुंचे कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घर ठहरे हुए हैं। वहीं अन्य ने विभिन्न कैंपों में शरण ली हुई है। ये कैंप विभिन्न प्राइमरी स्कूलों और कम्युनिटी हॉल्स में लगाए गए हैं। शरणार्थियों को राशन मुहैया करा दिया गया है। चाचर के एसपी नुमुल महातो ने बताया कि सीमाई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है ताकि हिंसा की कोई घटना ना होने पाए। असम के दो जिले चाचर और दिमा हसाओ मणिपुर के साथ 200 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
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