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    Microsoft’s रिसर्च में खुलासा: इस वर्ष धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा शिकार बने भारतीय

  • July 23, 2021

    नई दिल्ली। दुनिया भर में टेक सपोर्ट स्कैम (tech support scam) (तकनीक के जरिये धोखाधड़ी) के शिकार उपभोक्ताओं में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft’s ) की ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च (Global Tech Support Scam Research) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 69 प्रतिशत के उच्च दर पर देखी गई। अनचाही कॉल से धोखाधड़ी के ऐसे मामले बढ़े हैं। धोखे के शिकार करीब एक तिहाई भारतीयों ने अपना पैसा गवांया है।

    माइक्रोसॉफ्ट ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान व सिंगापुर सहित 16 देशों में यह सर्वे किया था। इसमें 16,254 वयस्क इंटरनेट उपयोगकर्ता (लगभग 1,000 प्रति देश) शामिल थे। ऐसा ही सर्वे कंपनी 2016 व 2018 में भी कर चुकी है।

    रिसर्च के अनुसार 2021 में 69 प्रतिशत लोग टेक सपोर्ट स्कैम का शिकार हुए। ये आंकड़े 2018 के 70 प्रतिशत के लगभग बराबर हैं। हालांकि, इसी समयावधि में वैश्विक स्तर पर 59 प्रतिशत के साथ ऐसे मामलों में पांच अंकों की गिरावट आई है।


    भारत में सर्वे में शामिल 48 प्रतिशत उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी हुई, जो 2018 के आंकड़ों से आठ अंक और वैश्विक औसत के तीन गुने से ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में 14 फीसदी की तुलना में 2021 में 31 फीसदी यानी लगभग एक तिहाई भारतीयों ने अधिक पैसा खो दिया।

    औसतन 15 सौ रुपये का हुआ नुकसान
    भारत में 2021 में इस तरह की धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वालों को औसतन 15,334 रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि पैसा गंवाने वालों में 88 प्रतिशत किसी तरह पैसा वापस पा गए। जिसका औसत 10,797 रुपये है। पैसे गवांने वालों ने भुगतान के लिए आम तरीके चुने। इनमें 43 फीसदी ने बैंक ट्रांसफर, 38 फीसदी ने गिफ्ट कार्ड, 32 फीसदी ने क्रेडिट कार्ड और 25 फीसदी ने बिटकॉइन के जरिये भुगतान किया।

    अनचाहे कॉल से बढ़ी धोखाधड़ी
    भारत में सर्वे में शामिल 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह बहुत या कुछ हद तक संभावना है कि कोई कंपनी उनसे फेक कॉल, पॉप-अप, टेक्स्ट संदेश, विज्ञापन या ईमेल के माध्यम से संपर्क करेगी।

    2018 से 2021 के बीच देश में अनचाहे कॉल से धोखे की घटनाएं 23 प्रतिशत से बढ़कर 31 प्रतिशत हो गई है। वहीं वैश्विक स्तर पर ऐसे कॉल्स का आंकड़ा साल 2018 में जहां 27 प्रतिशत था तो वहीं अब ये 25 प्रतिशत है।

    आसान शिकार हैं भारतीय
    माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल क्राइम्स एशिया यूनिट की सहायक जनरल काउंसलर मैरी जो श्रेड ने कहा कि वैश्विक स्तर पर की जाने वाली इस धोखाधड़ी में सभी उम्र के लोगों को निशाना बनाया जाता है। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में उपभोक्ताओं को निशाना बनाए जाने की संभावना अधिक होती है। यह लोग धोखाधड़ी की बातचीत को कम नजरअंदाज करते हैं, इस वजह से पैसे गंवा देते हैं।

    दुनिया में हर महीने आती हैं 6500 शिकायतें
    माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि हर महीने, उसे दुनिया भर में उन लोगों से लगभग 6,500 शिकायतें प्राप्त होती हैं जो तकनीकी के जरिये धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जो पिछले वर्षों के औसत महीने में 13,000 रिपोर्टों से कम है। हालांकि, भारत से आने वाली ऐसी खबरों की संख्या कम है।

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