वाशिंगटन (Washington)। विश्व की सबसे बड़ी टेक दिग्गज कंपनी एपल (world’s largest tech giant Apple) को झटका लगा है तो वहीं दूसरी टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Second tech giant Microsoft) को बढ़त मिली है। दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने एपल (Apple) से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी (world’s most valuable company) होने का तमगा छीन लिया है। अब माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी (world’s most valuable company) बन गई है।
माइक्रोसॉफ्ट से महज 0.3 प्रतिशत पीछे एपल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे बाजार में कंपनी का मूल्यांकन 2.888 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। कंपनी को गुरुवार को यह सफलता प्राप्त हुई है। हालांकि, एपल का मूल्य माइक्रोसॉफ्ट से महज 0.3 प्रतिशत ही कम है। बाजार में एपल का मूल्यांकन 2.887 ट्रिलियन डॉलर का हो गया है। बता दें 2021 के बाद ऐसा पहली बार है, जब माइक्रोसॉफ्ट ने एपल को मात दी है।
माइक्रोसॉफ्ट के लिए बड़ी चुनौती
एक्सपर्ट्स की मानें तो एपल के नीचे गिरने का कारण 2024 में हुई आईफोन की खराब शुरुआत रही। हालांकि, दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी होने का तमगा संभालना माइक्रोसॉफ्ट के लिए बड़ी चुनौती होगी क्योंकि एपल मात्र 0.3 प्रतिशत से ही पीछे हैं। वापस अपने रुतबे को हासिल करने के लिए एपल अब काफी मेहनत करेंगे।
कोर्ट से एपल को लगा झटका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में एपल को कोर्ट ने बड़ा झटका मिया है। आईफोन को स्लो करना एपल को महंगा पड़ गया। आईफोन स्लो करने को लेकर एपल पर एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे वह हार गया। अब एपल को सभी ग्राहकों को पैसे देने होंगे। मुकदमा हारने के बाद भी एपल का कहना है कि उसने कुछ गलत नहीं किया। हालांकि, एपल मुआवजा देने के लिए तैयार है। एपल मुआवजे के रूप में कुल 14.4 मिलियन कनाडियन डॉलर देने के लिए तैयार हुआ है। इस सेटलमेंट को कोर्ट की मंजूरी भी मिल गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एपल ने जिन यूजर्स के आईफोन स्लो किए हैं उन्हें कम-से-कम 150 कनाडियन डॉलर दे। हालांकि कोर्ट का यह फैसला सिर्फ कनाडा के यूजर्स के लिए है। रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने कनाडा में आईफोन 6, 6 Plus, 6s, 6s Plus, SE, 7, 7 Plus को स्लो किए थे। यह घटना 21 दिसंबर 2017 से पहले की है।
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