इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में अब और फूर्ति नजर आएगी। खासकर साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को इस साल अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि पहले सितम्बर में होना था। अगले महीने से पटरियों के बिछने की भी शुरुआत हो जाएगी। लापरवाही बरतने वाली कम्पनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं और अन्य ठेकेदार कम्पनियों को भी एमडी ने कड़ी चेतावनी दे दी है और काली सूची में भी डाला जाएगा। गांधी नगर रेलवे स्टेशन के साथ मेट्रो यार्ड का काम भी एमडी ने देखा और देश के अन्य शहरों में जहां पर मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वहां जाकर भी अधिकारियों और ठेकेदार कम्पनियों के प्रतिनिधियों को अवलोकन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इंदौर और भोपाल प्रोजेक्ट तय समय सीमा में पूरे हो सके। मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने इंदौर के प्रोजेक्ट की निर्माण प्रगति का मौका पर जाकर जायजा भी लिया।
एमडी श्री सिंह के मुताबिक कास्टिंग यार्ड के कॉन्ट्रेक्टर यूआरसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी चैन्नई को कार्य में लापरवाही बरतने और स्टेशन के प्रीकॉस्ट पाई गर्डर के निर्माण की धीमी प्रगति के चलते नोटिस जारी किया जा रहा है। साथ ही इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में जिन-जिन अधिकारियों को काम सौंपा गया है उन्हें अब लगातार मैदानी मॉनिटरिंग करने को कहा है। लक्ष्यों के मुताबिक कार्य पूरा न होने की स्थिति में संबंधित कम्पनियों को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया जा सकता है, ताकि भविष्य में कम्पनियों को मेट्रो के काम नहीं मिल सकें। प्रबंध निदेशक ने मेट्रो रेल कार्पोरेशन के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक सिविल एलिवेटेड को कार्य की पूर्ण जानकारी का अभाव और असंतोषजनक प्रदर्शन के चलते बर्खास्त करने के नोटिस देने के साथ कार्य में सुधार न आने पर सेवा संविदा समाप्त करने की भी चेतावनी दी है।
सभी स्टेक होल्डर्स, मेट्रो के अधिकारियों, जनरल कंसल्टेंट और कॉन्ट्रेक्टर को भी कहा कि वे अपनी जिम्मेवारियों के प्रति निष्ठावान रहें और निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर किसी भी तरह की कोई कोताही बर्ताश्त नहीं की जाएगी। दरअसल मुख्यमंत्री ने सितम्बर में ट्रायल रन की समय सीमा निर्धारित की है, जो अपरिवर्तनीय रहेगी। इसके लिए एमडी ने समय सीमा से पहले पूरे करने के कड़े निर्देश दिए और अब सितम्बर की बजाय अगस्त में ही साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन की सभी तैयारियां पूरी करने को कहा। अभी शनिवार को प्रबंध निदेशक श्री सिंह ने गांधी नगर मेट्रो स्टेशन से निर्माण कार्यों का निरीक्षण शुरू किया और स्टैबलिंग लाइन, ऑग्जीलरी सब स्टेशन, रिसीविंग सब स्टेशन, एडमिन बिल्डिंग सहित अन्य चल रहे निर्माण कार्यों को देखा और इसमें लगे सभी कॉन्ट्रेक्टरों को कहा कि वे मजदूरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तकनीकी संयंत्र यानी मशीनें, क्रैन उसमें भी बढ़ोतरी करें और 24 ही घंटे लगातार काम चलता रहे। निर्माण कार्यों में लगने वाली अन्य सामग्रियों की भी आपूर्ति करने वाली ठेकेदार फर्मों से भी सीधी चर्चा की जा रही है। वहीं संबंधित आपूर्तिकर्ताओं से खुद भी फोन पर चर्चा की। डिपो के वाया डक्ट भाग को सबसे चुनौतीपूर्ण बताते हुए इसके निर्माण में गति लाने के भी निर्देश दिए। गांधी नगर मेट्रो स्टेशन के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया और पिछले दिनों ही प्राधिकरण ने मैन केरेजवे बंद कर स्टेशन निर्माण के चलते दोनों तरफ सर्विस रोड भी तैयार की।
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