एलिवेटेड कॉरिडोर ही बनेगा, एयरपोर्ट के फनल एरिया के कारण वहां अंडरग्राउंड का प्रावधान, डिपो के काम में तेजी लाने के भी दिए निर्देश
इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) के पहले चरण का काम सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 (Super Corridor, MR-10) से लेकर रिंगरोड पर चल रहा है। 31.55 किलोमीटर के पहले चरण में 29 स्टेशन भी बनना हैं, जिनमें आधा दर्जन अंडरग्राउंड और 23 एलिवेटेड यानी जमीन पर बनना है, लेकिन कोठारी मार्केट, राजवाड़ा जैसे घने क्षेत्रों में अंडरग्राउंड की बजाय एलिवेटेड ट्रैक की मांग व्यापारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है। लिहाजा अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन भी यह निर्णय लेने जा रहा है कि अंडरग्राउंड की बजाय एलिवेटेड कॉरिडोर ही बनाया जाए। सिर्फ एयरपोर्ट के फनल एरिया के चलते वहां पर अंडरग्राउंड ट्रैक रहेगा। अभी कल मेट्रो रेल कार्पोरेशन की एमडी छवि भार्गव ने इंदौर में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की।
सुपर कॉरिडोर पर 75 एकड़ में जो डिपो का काम शुरू हुआ है, उसे भी तेज गति से करने के निर्देश एमडी ने दिए, ताकि बारिश के पहले फाउंडेशन का काम पूरा हो सके। मौके पर अभी लेबलिंग का काम चल रहा है। इस डिपो में छोटी, बड़ी कई तरह की बिल्डिंगें आएंगी और जब तक डिपो तैयार नहीं होगा, तब तक पहले चरण की मेट्रो दौड़ भी नहीं सकेगी। टेस्टिंग ट्रैक, मेन्टेनेंस, कर्मचारियों के आवास, प्रशासनिक भवन से लेकर तमाम व्यवस्थाएं इस डिपो में ही रहना है। लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि इस पर खर्च की जा रही है। अभी गांधी नगर फुट ओवरब्रिज के पास भी मेट्रो स्टेशन के निर्माण का काम शुरू हो गया, तो उसके आगे चंद्रगुप्त चौराहा, फिर सायाजी और शहीद पार्क से रोबोट चौराहा तक काम की गति बढ़ी है। सभी हाईटेंशन लाइनों की शिफ्टिंग का काम भी लगभग पूरा हो गया है। 45 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर 6 किलोमीटर की हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग की गई, वहीं जो 600 सेगमेंट प्रिकॉस्ट तकनीक से तैयार किए गए, उनकी लॉन्चिंग का काम भी चल रहा है। एमआर-10 टोल नाके से शहीद पार्क तक 181 पिलर बनाए जाना है। सुपर कॉरिडोर के कुछ हिस्सों में तो पिलर का काम लगभग पूरा भी हो गया है। पिछले दिनों कोठारी मार्केट सहित उससे जुड़े क्षेत्रों के व्यापारियों और रहवासियों ने भी इस बात का विरोध किया कि इस क्षेत्र में मेट्रो की अंडरग्राउंड लाइन नहीं डाली जाए। अभी स्मार्ट सिटी के तहत राजवाड़ा, गोपाल मंदिर के जीर्णोद्धार का काम भी चल रहा है और अंडरग्राउंड लाइन डालने से इसमें भी भविष्य में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं और राजवाड़ा को नुकसान भी पहुंचने का खतरा है। चूंकि नगर निगम एमजी रोड को भी चौड़ा कर रहा है, जिसके चलते एक हिस्से में तोडफ़ोड़ भी शुरू हो गई है। लिहाजा यह विचार किया जा रहा है कि कोठारी मार्केट, राजबाड़ा, बड़ा गणपति तक के घने, व्यावसायिक क्षेत्र में अंडरग्राउंड की बजाय एलिवेटेड ट्रैक ही बनाया जाए। जिस तरह का ट्रैक अभी सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 से लेकर रिंगरोड तक बनाया जा रहा है। हालांकि इसका अंतिम निर्णय मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा लिया जाएगा। मगर सूत्रों का कहना है कि इस पर लगभग सहमति बन चुकी है कि 31.55 किलोमीटर का जो पहला चरण इंदौरी मेट्रो का है, उसका अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड ही रहेगा। सिर्फ एयरपोर्ट के नजदीक फनल एरिया के कारण अंडरग्राउंड ट्रैक बिछाया जाएगा। अगले कुछ दिनों में इस पर निर्णय सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों की होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
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