इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में निरंतर गति आ रही है। सुपर कॉरिडोर पर एमआर-10 में तो पिलरों के निर्माण के साथ ही डिपो के काम ने भी गति पकड़ ली है। हालांकि दिनभर अत्यधिक यातायात के चलते काम में अवरोध भी उत्पन्न होता है और यातायात में भी बाधा आने के कारण रात में काम की गति पूरी क्षमता के साथ रखी जा रही है। खासकर रात 2 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक जब यातायात नहीं रहता तब मेट्रो प्रोजेक्ट के काम को तेज गति से करने के प्रयास किए जाते हैं। लोड टेस्टिंग के बाद गर्डरों की लॉन्चिंग और सेगमेंट को रखने के लिए भारी-भरकम मशीनें भी इस्तेमाल की जा रही है। अंतरराज्यीय बस टर्मिनल यानी आईएसबीटी के नजदीक गर्डर लॉन्चिंग का काम चल रहा है।
वहीं हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग का काम भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है और जबलपुर ट्रांसमिशन कम्पनी के इंजीनियर भी आधी रात के बाद इस काम को कर रहे हैं, क्योंकि दिन में लाइन शिफ्टिंग के कार्य में भी कई तरह की बाधाएं आती हैं। सुपर कॉरिडोर पर गांधी नगर फुट ओवरब्रिज के पास मेट्रो स्टेशन के निर्माण की तैयारी भी चल रही है और उसके आगे चंद्रगुप्त चौराहा से लेकर सायाजी और फिर शहीद पार्क होते हुए रोबोट चौराहा तक का काम अभी शुरू किया गया है। एमआर-10 पर तो मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण अब अच्छे-खासे नजर आने लगे हैं। वहीं रिंग रोड पर 1 लाख 32 हजार किलोवॉट की हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग का काम भी जबलपुर ट्रांसमिशन कम्पनी के इंजीनियरों की देख-रेख में किया जा रहा है। यह काम भी रात 2 से सुबह 6 बजे तक चलता है।
रिंग रोड पर शहीद पार्क के पास हाईटेंशन लाइन टॉवर के माध्यम से सडक़ क्रॉस करते हुए डाली गई थी। मगर अब चूंकि मेट्रो ट्रैक की ऊंचाई अधिक रहेगी, जिसके कारण इस हाईटेंशन लाइन की ऊंचाई भी बढ़ाई जा रही है और अन्य हिस्सों में भी बाधक हाईटेंशन लाइन को हटाया गया। सुखलिया चौराहा से लेकर मेघदूत मुक्तिधाम, भमोरी चौराहा, शीतल नगर होकर रिंग रोड शहीद पार्क तक शिफ्टिंग की गई और एमआर-9 सडक़ की ओर शिफ्टिंग के लिए समानांतर लाइन भी डाल दी गई, जिसके लिए मोनो पॉल लगाए गए हैं। 50 से अधिक इंजीनियरों की टीम इस काम में जुटी है और लगभग 6 किलोमीटर की हाईटेंशन लाइन शिफ्ट होना है, जिस पर 45 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो रही है। वहीं सेगमेंट 600 से अधिक जो तैयार हो गए उनकी लॉन्चिंग का काम भी लगातार चल रहा है। उसके साथ ही गर्डर लॉन्चिंग के लिए लोड टेस्टिंग की गई और अब भारी-भरकम मशीनों की सहायता से गर्डर लॉन्चिंग का काम भी शुरू हो गया है।
वहीं सुपर कॉरिडोर पर 75 एकड़ जमीन पर जो मेट्रो डिपो का काम किया जा रहा है, उसने भी अब रफ्तार पकड़ ली है। एमआर-10 टोल नाके से शहीद पार्क तक 181 पिलर तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से एमआर-10 के तो कई पिलर पूरी तरह से बन भी चुके हैं। चूंकि दिनभर यातायात का दबाव अत्यधिक रहता है और मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण दोनों तरफ सडक़ की चौड़ाई भी घट गई। लिहाजा दिन में काम करने के साथ-साथ रातभर सभी साइडों पर तेज गति से काम कराया जा रहा है, क्योंकि अभी दो महीने बाद मानसून शुरू हो जाएगा, जिसके कारण काम प्रभावित होगा। लिहाजा प्रयास किए जा रहे हैं कि बारिश से पहले अधिक से अधिक काम पूरे किए जा सकें। लिहाजा रात 2 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक काम की स्पीड बढ़ाई जा रही है।
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