सैगमेंट लॉन्चिंग के लिए बनने लगे ग्राउंड सपोर्टिंग सिस्टम, एमआर-10 पर अधिकांश पिलरों का भी हो गया निर्माण
इंदौर।
मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) ने भी अब रफ्तार पकड़ ली है। एमआर-10 (MR-10) पर तेजी से पिलरों (Pillars) का निर्माण तो चल ही रहा है, वहीं अधिकांश पिलर तैयार भी हो गए। अब ग्राउंड सपोर्टिंग सिस्टम सेगमेंट लॉन्चिंग (Ground Supporting System Segment Launching) के लिए तैयार किया जा रहा है। कॉस्टिंग यार्ड में कई सेगमेंट बन भी गए हैं। वहीं मार्च के पहले पखवाड़े से गर्डर लॉन्चिंग (Launching) का काम भी शुरू हो जाएगा। 600 से अधिक सेगमेंट प्री-कॉस्ट (Pre-cost Component) के जरिए तैयार भी हो चुके हैं।
इनका उपयोग एक पिलर से दूसरे पिलर की गर्डर को जोडऩे में होता है। यही कारण है कि प्री-कॉस्ट कम्पोनेंट पहले से तैयार किए जा रहे हैं, ताकि काम की गति प्रभावित न हो। एमआर-10 (MR-10) टोल नाके से लेकर शहीद पार्क (Shaheed Park) तक 181 पिलर तैयार किए जाना है। फिलहाल तो एमआर-10 के पिलर तेज गति से पूर्ण होते नजर आ रहे हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम दिलीप बिल्डकॉन (Dilip Buildcon) द्वारा किया जा रहा है, जिसके चलते एमआर-10 (MR-10) से लेकर रिंग रोड तक पिलर तैयार किए जा रहे हैं। वहीं दूसरे चरण का काम रेल विकास निगम को मिला है। उसने भी सॉइल टेस्टिंग सहित अन्य काम शुरू कर दिए और 37 एकड़ किराए की जमीन लेकर कॉस्टिंग यार्ड भी बना लिया है। मेट्रो प्रोजेक्ट के उपमहाप्रबंधक अनिल जोशी के मुताबिक एमआर-10 (MR-10) पर टोल ब्रिज के पास मेट्रो के पिलर लगभग तैयार हो चुके हैं। अब कॉस्टिंग यार्ड में पिलरों को जोडऩे वाले सेगमेंट का निर्माण किया जा रहा है। लगभग 600 सेगमेंट तैयार भी हो गए हैं, जिनके जरिए एक पिलर से दूसरे पिलर की गर्डर को जोड़ा जाएगा। गर्डर लॉन्चिंग का काम मार्च के पहले पखवाड़े से शुरू होगा। उसके पहले ग्राउंड सपोर्टिंग सिस्टम (Ground Supporting System) भी तैयार किया जा रहा है। दूसरी तरफ सुपर कॉरिडोर पर ही 75 एकड़ जमीन पर मेट्रो डिपो निर्मित किया जाना है, जिसके लिए 284 करोड़ के टेंडर बुलाए गए और अंतिम दौर में 6 कम्पनियां बची। इस डिपो में विशाल वर्कशॉप, प्रशासनिक दफ्तर, क्लीनिंग शेड, टेस्टिंग ट्रैक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, पम्प रूम, ट्रेनिंग सेंटर व केंटिंग सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी। एमआर-10 (MR-10) पर हालांकि अभी मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते यातायात भी अवरूद्ध होने लगा है।
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