इंदौर (Indore) । इंदौर में अगस्त माह में मेट्रो का ट्रायल (metro trial) किया जाएगा. इसे लेकर मेट्रो का काम और तेजी से किया जा रहा है. वहीं 4 फरवरी को समीक्षा बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि किसी भी हालत में अगस्त में मेट्रो का शुभारंभ किया जाए. आने वाले 6 महीने में मेट्रो इंदौर में दौड़ने लगेगी. मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) और इंदौर के लिए बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल की प्रगति को लेकर शनिवार को इंदौर में एक महत्वपूर्ण बैठक (meeting) के साथ निरीक्षण भी किया गया. इस बैठक में इंदौर में चल रही मेट्रो की तैयारियों को लेकर अधिकारी और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए गए. सितंबर 2023 तक ड्राई रन के लक्षित उद्देश्यों को लेकर सांसद शंकर लालवानी और मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रबंध संचालक मनीष सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान कांट्रेक्टर के साथ मेट्रो रेल से जुड़े अधिकारियों ने तैयारियों से जुड़ी जानकारी से अवगत कराया.
तेजी से चल रहा काम
इस बैठक में इंदौर सांसद लालवानी ने बताया कि सभी मेट्रो स्टेशनों के मॉडल की जानकारी ली गई. साथ ही मॉडल को आकर्षक, जन सुविधाओं के मद्देनजर तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए. बैठक में सुपर कॉरिडोर के आगे के डिजाइन और ड्राइंग को भी जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने का निर्देश दिया गया. ताकि निर्माण कार्य व्यवस्थित पूरा किया जा सके, अब तक किया गया कार्य संतोषजनक है. उन्होंने कहा कि सीएम की मंशा के अनुसार सितंबर, 2023 में रन की स्थिति में होंगे.
वहीं इंदौर सांसद शंकरलालवानी ने बताया कि पिछले दिनों जिस तेजी से मेट्रो का काम कॉरिडोर पर चल रहा था. उसी दौरान भारतीय प्रवासी सम्मेलन और इंवेस्टरमिट के जाने से भी मेट्रो का काम तेजी से चला है. मुख्यमंत्री ने मंशा जाहिर की है कि मेट्रो का काम जल्द से जल्द पूरा करें. मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर स्टेशन का काम तेजी से चल रहा है. यह एक मात्र स्टेशन है, जहां तीन लेन बनाई जा रही है. दो लेन आने-जाने की और एक लेन डिपो से कनेक्ट होगी. पहले चरण के तहत सुपर कॉरिडोर पर 5.9 किमी के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर सितंबर 2023 में ट्रायल रन किया जाना है.
आधा से ज्यादा काम पूरा
फिलहाल अभी यहां 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है और 40 फीसदी काम बाकी है. वहीं ट्रायल रन में आठ महीने का समय बचा है. सिविल वर्क के अलावा इसमें पटरियां, कोच आने सहित अन्य काम होना बाकी है. चूंकि यह प्रक्रिया भोपाल से की जा रही है फरवरी के दूसरे सप्ताह में पटरियां इंदौर पहुंच जाएगी. इसके बाद इन्हें बिछाने का काम किया जाएगा. यही कारण है कि प्रबंध संचालक सतत कार्य प्रगति की निगरानी कर रहे हैं.
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