इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में कुछ ढिलाई आई है। दरअसल पूर्व एमडी द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी, जिसके चलते प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन लिया गया, तो अन्य निर्माण कार्य ने भी गति पकड़ी। साढ़े 22 किलोमीटर एलिवेटेड के अलावा लगभग साढ़े 8 किलोमीटर का अंडरग्राउंड कॉरिडोर मध्य क्षेत्र में बनना है, जिसके लिए अब कम्पनी ने सर्वे शुरू करवाया है। अंडरग्राउंड टनल में ही बीच शहर में यह मेट्रो दौड़ेगी, जिसके लिए हाईकोर्ट के अंदर से विशाल गड्ढा खोदकर मशीनें उतारी जाएंगी और फिर अंदर ही अंदर टनल का निर्माण होगा, जो कि राजवाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए एयरपोर्ट तक निर्मित की जाना है। मध्य क्षेत्र को लेकर कुछ व्यापारियों की परेशानी भी थी, उस संबंध में भी सुझाव लिए गए हैं।
इंदौर मेट्रो साढ़े 32 किलोमीटर लम्बाई में पहले चरण में लाई जा रही है, जिसके चलते अभी गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर होते हुए एमआर-10, विजय नगर,रेडिसन चौराहा और वहां से रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर पर काम चल रहा है, जो कि साढ़े 17 किलोमीटर लम्बाई का है। हालांकि अभी गांधी नगर से एयरपोर्ट वाले हिस्से में काम बचा है और प्रयास यह है कि एक साल में इस हिस्से में व्यवसायिक संचालन मेट्रो का शुरू कर दिया जाए, क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन लिया जा चुका है। वहीं रोबोट चौराहा से लेकर पलासिया होते हुए ट्रेजर आईलैंड, एमजी रोड तक के एलिवेटेड कॉ$िरडोर के लिए भी टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है। सिर्फ मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन को उसकी मंजूरी दी जाना है। उसके बाद हाईकोर्ट से लेकर राजवाडा़ होते हुए बड़ा गणपति और फिर एयरपोर्ट तक मेट्रो अंडरग्राउंड टनल में ही दौड़ेगी, उसके लिए भी सर्वे लगातार चल रह ा है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इंदौर हाईकोर्ट ने भी अपनी जमीन पर काम करने की अनुमति मेट्रो कार्पोरेशन को दे दी है। उसकी दीवार टूटेगी और गार्डन की जमीन पर विशालकाय गड्ढा किया जाएगा, जहां से टनल खोदने वाली मशीनें अंदर जाएंगी और फिर अंदर ही अंदर टनल का निर्माण खुदाई के साथ होगा और फिर मध्य क्षेत्रसे यह टनल गुजरती हुई एयरपोर्ट तक पहुंचेगी, जिसके चलते ऊपर किसी भी तरह की तोडफ़ोड़ नहीं करना पड़ेगी, क्योंकि मध्य क्षेत्र अत्यधिक घना और यातायात वाला है, जहां पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण संभव नहीं होता। यही कारण है कि इस हिस्से में टनल यानी अंडरग्राउंड मेट्रो का निर्णय लिया गया।
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