इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) का काम रात-दिन चल रहा है। खासकर साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम पहले पूरा होगा और साथ में 75 एकड़ के डिपो में भी निर्माण कार्य की गति तेज है। एक मॉडल मेट्रो कोच (model metro coach) भी बुलवाया जा रहा है, ताकि आम जनता को इसकी जानकारी दी जा सके कि इंदौर में दौडऩे वाली मेट्रो का कोच किस तरह का होगा। इस मॉडल कोच को विजय नगर चौराहा पर भी खड़ा किया जा सकता है। हालांकि अभी अंतिम निर्णय मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारी करेंगे। डिपो में ट्रायल रन (Trial Run) के लिए लगभग एक किलोमीटर लम्बाई की पटरियां बिछा दी गई हैं, वहीं प्रायोरिटी कॉरिडोर पर कुछ दिनों बाद पटरियां बिछाई जाएंगी।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह(Manish Singh, MD, Metro Rail Corporatio) अभी इंदौर आकर चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे। दरअसल उन्होंने पिछले दिनों अपने दौरे के दौरान ट्रायल रन की तैयारियों को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए थे, जिसके लिए अगस्त-सितम्बर की समय सीमा तय की गई है और वडोदरा से एक मेट्रो ट्रेन तीन कोच वाली भी इस ट्रायल रन के लिए इंदौर आ जाएगी। इसी तरह का ट्रायल रन भोपाल में भी लिया जाएगा, वहीं एक मेट्रो कोच का मॉडल भी बुलवाया जा रहा है। तकनीकी भाषा में इसे मॉकअप कोच यानी डेमो कोच भी कहा जाता है, जिसे सार्वजनिक स्थान पर रखा जाएगा, ताकि शहरवासी इस मेट्रो कोच को देख-समझ सकें। सिस्टम, अनाउंसमेंट, सुरक्षा, दरवाजे, स्टेशन की एसओपी सहित अन्य जानकारी भी नागरिकों को दी जाएगी, ताकि जब मेट्रो शुरू हो, तब वे आसानी से उसका इस्तेमाल कर सकें। अभी विजय नगर चौराहा पर पर्याप्त जगह उपलब्ध है, क्योंकि रोटरी को हटाने के बाद नीचे काफी जगह मिल रही है और संभवत: जो मेट्रो का मॉडल कोच आएगा, उसे यहां पर खड़ा करवाया जा सकता है, क्योंकि विजय नगर भी एक व्यस्त चौराहा है और इसके ऊपर से मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर भी है। लिहाजा आते-जाते नागरिक इस मॉडल को देख सकेंगे। दूसरी तरफ 17 किलोमीटर के पहले चरण में मेट्रो स्टेशन और कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, वहीं बंगाली से पलासिया के लिए भी टेंडर बुला लिए हैं। साढ़े 5 किलोमीटर का प्रायोरिटी कॉरिडोर भी तय समय में तैयार कर लिया जाएगा।
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