सर्दियो के मौसम में हर सब्जियों की बिक्री बढ़ जाती है। पालक, बथुआ और मेथी साग भी इस दौरान खाना फायदेमंद साबित होता है। कई बीमारियों को दूर करने में इन्हें खाना कारगर माना गया है। वहीं, अगर बीमारियों की बात करें तो डायबिटीज को जीवन शैली से जुड़ा एक गंभीर रोग माना जाता है।
डायबिटीज का खतरा बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में लोगों का खानपान, उनकी लाइफस्टाइल, पर्यावरण और कफ दोष बढ़ाने एवं असंतुलित करने वाली चीजें शामिल हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपना शुगर लेवल लगातार चेक करते रहने के साथ ही उसे कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे में मधुमेह रोगी अपनी डाइट में मेथी के साग को शामिल कर सकते हैं।
पाए जाते हैं डायबिटीज रोधी तत्व:
मेथी का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने में कारगर है। इस हरे रंग की पत्तियों के सेवन को आयुर्वेद में भी औषधि का दर्जा दिया गया है। मेथी में 4-हाइड्रॉक्सिसिलुसीन नामक एक एमिनो एसिड होता है, जिसे मधुमेह रोधक गुण कहा जाता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ग्लैक्टोमेनन डाइजेशन के रेट को कंट्रोल करता है जिससे शरीर में कार्ब्स जल्दी ब्रेकडाउन नहीं होते और ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रण में रहता है।
इन बीमारियों को दूर करने में कारगर:
मधुमेह के अलावा कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगियों को भी मेथी खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, मेथी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स अपच और एसिडिटी को कम करने में भी मददगार होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस्ड रखने में भी कारगर है। वहीं, मेथी में एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है।
कैसे करें सेवन:
मेथी साग के पत्तों में भरपूर फाइबर मौजूद होते हैं जो शरीर में पाचन क्रिया को स्लो करते हैं जिससे शुगर का अब्जॉर्प्शन जल्दी नहीं होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। लोग इसे पराठा, थेपला, वडा, ओट्स, चावल या फिर सब्जी में डालकर खा सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मरीजों को रोजाना एक मुट्ठी से अधिक मेथी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें
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