कहते हैं मनुष्य के शरीर में भी कई धातुओं का समावेश होता है. लोहा, तांबा (Iron,Copper) और दूसरी कई धातुएं मनुष्य के शरीर को संतुलित रखती हैं. धातुओं के कम या ज्यादा होने से ये शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर देती हैं. इतना ही नहीं, हर धातु (metals) हर व्यक्ति के लिए सही नहीं होती. इनका असर ग्रहों के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है. इसलिए कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को ऐसे ही कोई भी धातु धारण नहीं करनी चाहिए. कुंडली के हिसाब से ही, सोना (gold), चांदी (silver), तांबा (copper) लोहा (iron) और कांसा (bronze) आदि पहनना चाहिए. ये न सिर्फ आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं, बल्कि आपके ग्रहों को भी अनुकूल बनाती हैं. आइए जानते हैं किस व्यक्ति के लिए कौन-सी धातु धारण करना रहेगा बेहतर.
चांदी का छल्ला (silver rings)- कहते हैं कि चांदी पर चंद्रदेव का प्रभाव रहता है. जिन लोगों का मन विचलित रहता है, मानसिक स्थिति सही नहीं रहती उन्हें चांदी की चेन, छल्ला या अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है. कहते हैं जिन लोगों का दिल और दिमाग में तालमेल नहीं बन पाता उन्हें भी चांदी धारण करनी चाहिए. हाथों में चांदी का छल्ला पहनने से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र की ग्रहदशा चल रही हो तो उसे चांदी धारण करने की सलाह दी जाती है. वहीं, काल सर्प दोष वाले व्यक्ति को भी शरीर से स्पर्श होता हुआ कोई चांदी का आभूषण धारण करना चाहिए.
सोना (Gold)- सोने पहनने से व्यक्ति के शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है. उसके चेहरे की चमक बढ़ती है. कहते हैं सोने पर बृहस्पति ग्रह आधिपत्य होता है. इसलिए अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति कमजोर स्थिति में है तो उसे सोने की आभूषण जरूर धारण करने चाहिए.
तांबा (Copper)- तांबा शरीर का रक्त संचालन करने में प्रभावी है. तांबे पर मंगल का प्रभाव होता है. यह महिलाओं के लिए अधिक लाभकारी होता है. कहते हैं इसे पहनने से महिलाओं को न सिर्फ मासिक धर्म की समस्या से छुटकारा मिलता है, बल्कि कील-मुंहासे और त्वचा संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि जिन लोगों को जोड़े के दर्द और हड्डी आदि की परेशानी है, उन्हें भी तांबा पहनने की सलाह दी जाती है. मंगल के प्रतिनिधि रत्न मूंगा के गणेश जी को तांबे की चेन में डालकर धारण करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. कर्ज और आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है.
लोहा (Iron)- लोहा शनि की धातु हैं. अगर किसी व्यक्ति को बार-बार चोट लग रही हो, अचनाक धन खर्च हो रहा हो, बीमारियां आ रही हों, बिजनेस में हानि हो रही हो, तो उस व्यक्ति को लोहे का छल्ला, कड़ा या अंगूठी धारण करनी चाहिए.
कांसा (bronze)- वैसे तो कांसे के आभूषण नहीं पहने जाते, लेकिन ये शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होता है. कांसे का प्रभाव व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है. इससे व्यक्ति की नसें और मांसपेशियां बिल्कुल ठीक रहती हैं. कांसा कमजोर नसों को मजबूती देता है. कहते हैं कांसे के गिलास में हफ्ते में कम से कम दो दिन पानी अवश्य पीना चाहिए. लगातार कांसे के पानी का सेवन बिल्कुल न करें. साथ ही याद रखें कि कांसे के बर्तन में रात भर रखा हुआ पानी का सेवन भूलकर भी न करें. ये हानिकार हो सकता है. कांसे के बर्तन में सिर्फ पांच मिनट पानी रखें और पी लें.
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