नई दिल्ली: फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 2013 में लॉन्च की अपनी Facebook Connectivity उर्फ Meta Connectivity को बंद करने का फैसला कर लिया है. यानी की कंपनी लगभग 10 सालों बाद कनेक्टिविटी डिवीजन को बंद कर दिया है. इस डिवीजन को इसीलिए सेटअप किया गा था ताकि पिछड़े हुए क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन आ सकें और कंपनी के सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल कर सकें.
अब द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और सेंट्रल प्रोडक्ट टीम को अलग-अलग करने की तैयारी में है. क्यों हुई थी 2013 में इसकी शुरुआत? मेटा ने 2013 में लॉन्च किए अपने कनेक्टिविटी डिवीजन को लॉन्च किया था और कंपनी ने लोगों को मुफ्त इंटरनेट प्रदान करने के लिए कई रास्ते भी खोजे और ये सब कंपनी ने Facebook Aquila की मदद के साथ किया था.
अब आप लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या चीज है, बता दें कि ये कंपनी द्वारा तैयार किया एक प्रायोगिक सौर संचालित यानी सोलर पावर्ड ड्रोन था जिसका उद्देश्य इंटरनेट को दूर-दराज के हिस्सों तक पहुंचाना है. ऐसा कहा जाता है कि मेटा का कनेक्टिविटी डिवीजन एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस को कड़ी टक्कर देता था.
Meta Connectivity में होने जा रहा बड़ा बदलाव: लाइट रीडिंग और Fierce वायरलेस पब्लिकेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा अपने डिवीजन के नवीनीकरण पर काम कर रही है और कंपनी अपने कर्मचारियों को मेटा के भीतर आने वाले इंफ्रा और सेंट्रल प्रोडक्ट्स में फिर से अलग-अलग डिवाइड करेगी.
पब्लिकेशन के मुताबिक,मेटा आगे भी ऐसे ही टेलीकॉम इकोसिस्टम पार्टनर के साथ काम करते रहने की प्लानिंग कर रही है. याद दिला दें कि 2016 में बार्सिलोना में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस यानी MWC के दौरान कंपनी ने टेलीकॉम इंफ्रा प्रोजेक्ट (TIP) में भाग लिया था. इसके पीछे का उद्देश्य विभिन्न दूरसंचार तकनीकों के लिए स्टैंडर्ड को डेवलप करना है.
याद दिला दें कि मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कुछ समय पहले ही 11,000 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखाया है जिससे अब कंपनी में लोग कम हो गए हैं जिस वजह से कंपनी में चीजें एक बार फिर से बदली जा रही हैं.
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