हैदराबाद।यहाँ के पेटलाबुर्ज मैटरनिटी अस्पताल (Petlaburj Maternity Hospital) में हाल ही में एक मरमेड बेबी (Mermaid Baby) पैदा हुआ ,किंतु जन्म के महज़ कुछ समय के अंदर ही उसकी मौत भी हो गई।
बताया जा रहा है की ऐसा क्रिटिकल बर्थ डिफेक्ट (Critical Birth Defect) के कारण हुआ है . दरअसल, एक दुर्लभ मरमेड संड्रोम (Mermaid Syndrome) के साथ ये बच्चा पैदा हुआ था, जो कि एक जन्मजात स्थिति है और अभी बीते कुछ सालों में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं. एक बहुत बड़ी समस्या यह है की मरमेड सिंड्रोम के साथ पैदा होने वाले बच्चों में ज़्यादातर बच्चे(Children) ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाते हैं।
इसी तरह पैदा हुए हैदराबाद में बच्चे का आधा शरीर इंसान की तरह और आधा मछली की तरह था. बच्चे के शरीर का निचला हिस्सा जलपरी की तरह दिखता है यानी मछली के पंख के समान है.इसलिए इसे ये नाम दिया गया है।
इस जन्मजात विकार को सिरेनोमेलिया (Sirenomelia) या मरमेड सिंड्रोम कहा जाता है. अस्पताल के डॉक्टरों के ने जैसा सीएनएन को बताया उसके अनुसार बच्चे का जन्म बुधवार को शाम सात बजे के आसपास हुआ था और अगले दो घंटों के भीतर उसकी मौत हो गई.
क्या है ये मरमेड सिंड्रोम आख़िर?
सिरेनोमेलिया (Sirenomelia ) एक प्रकार का जन्म विकृति है, जिसमें बच्चे के दोनों पैर जुड़े होते हैं. यह मरमेड मछली की तरह दिखता है, इसलिए इस मरमेड सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है. यह सिंड्रोम एक लाख बच्चों में से किसी एक में होता है. सिरेनोमेलिया (मरमेड सिंड्रोम) का कोई विशेष कारण अब तक सामने नहीं आया है. हालांकि इसके पीछे आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक भी शामिल हैं. जीन स्थानांतरण के कारण भी ऐसा हो सकता है।
एनसीबीआई के अनुसार, इस स्थिति में आमतौर पर व्यक्ति का लंबे समय तक जीना असंभव है. हालांकि एक रिपोर्ट यह भी बताती है कि वास्तव में कुछ शिशु इस विकार के साथ जीवित भी हैं.इस मामले में बच्चा जननांगों, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों, रीढ़ में विकार, पेल्विस (Pelvis)और दोनों किडनी (Kidneys) की अनुपस्थिति के साथ पैदा होता है
पहले भी हो चुका है ऐसा
ऐसे कुछ मामले पहले भी हुए है ,साल 2017 में एक 23 वर्षीय महिला ने मरमेड सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के लिंग को उसके जुड़े हुए अंगों के कारण पहचाना नहीं जा सका. यह बच्चा चार घंटे तक जीवित था. एक बच्चे का जन्म 2018 में महाराष्ट्र के अंबजोगाई में स्वामी रामानंद तीर्थ ग्रामीण सरकारी अस्पताल में हुआ था.
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