• img-fluid

    पहले किसान का भुगतान फिर माल की ढुलाई कर पाएंगे व्यापारी

  • August 27, 2020

    • मध्य प्रदेश में निजी मंडियां खोलने का रास्ता साफ

    भोपाल। नए मंडी अधिनियम के तहत प्रदेश में जल्द ही निजी मंडियां खुलेंगी। इनमें किसान अपनी मर्जी से उपज बेच सकेंगे। निजी मंडियों की खास बात यह है कि जो किसान अपनी उपज बेचेंगे, खरीददार को उसी दिन किसान का भुगतान करना होगा। इसके बाद ही खरीददार मंडी में से उपज की ढुलाई कर पाएंगे। नए अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति, जो किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो तथा जिसके पास आवश्यक बुनियादी संरचना हो, प्राइवेट मार्केट यार्ड, प्राइवेट मार्केट उप यार्ड तथा डायरेक्ट क्रय केन्द्र स्थापित कर सकेगा। इसके लिए उसे शासन से लाइसेंस लेना होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस अधिनियम की एक विशेषता यह है कि व्यापारी को किसान की फसल खरीदने के बाद उसी दिन फसल का भुगतान करना होगा। कृषक को भुगतान के बाद ही व्यापारी कृषि उपज का परिवहन कर सकेगा।

    मंडी समितियों की अधिकार प्रांगण तक सीमित
    प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी ने बताया कि संशोधित मंडी अधिनियम में पुराने अधिनियम की 2 परिभाषाओं को विलोपित किया गया है तथा 21 नई परिभाषाएं सम्मिलित की गई हैं। पुराने अधिनियम में 24 परिभाषाएं थीं। अब मंडी क्षेत्र के स्थान पर मंडी प्रांगण परिभाषित होंगे। मंडी समितियों के अधिकार मंडी प्रांगणों तक ही सीमित होंगे। आयातित उपज पर मंडी प्रभार नहीं लगेगा।

    मंडी के बाहर सभी नाके खत्म
    मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 के तहत अब मंडी के बाहर उपज जांच के सभी नाके, चैकपोस्ट समाप्त कर दिए हैं। मंडी प्रांगण में केवल व्यवस्था के सुचारू संचालन के अधिकार मंडी समिति को। नियमन के समस्त अधिकार संचालक, कृषि विपणन को। मंडी प्रांगण के बाहर के समस्त जांच/चैकिंग/नाके समाप्त। मार्केट फीस का निर्धारण राज्य शासन द्वारा। आयातित कृषि उपज पर मंडी शुल्क नहीं। सीधी खरीदी केन्द्र के अतिरिक्त अन्य सभी शासकीय/अशासकीय/डीम्ड मंडियों में नीलामी के माध्यम से ही कृषि उपज का क्रय-विक्रय। निजी मंडी व्यापार लाइसेंस एवं पंजीकरण के प्रमुख प्रावधान।

    5 हजार में 10 साल तक लाइसेंस
    नए मंडी अधिनियम के तहत पांच हजार रुपए की फीस देकर 10 साल का लाइसेंस मिलेगा। आवेदन शुल्क 500 रूपये, लाइसेंस शुल्क 5000 रूपये, अवधि 10 वर्ष होगी। सात दिन में लाइसेंस मिलेगा और एक दिन के भीतर नवीनीकरण हो जाएगा। साथ ही न्यूनतम 3 लाख रूपये या एक दिन की अधिकतम क्रय क्षमता के बराबर की परफॉर्मेंस गारंटी मिलेगी। फल-सब्जी के लिए परफॉरमेंस गारंटी न्यूनतम 50 हजार रूपये या एक दिन की अधिकतम क्रय क्षमता के बराबर, जो भी अधिक हो।

    Share:

    मेट्रो रेल कंपनी बनी कॉरपोरेशन

    Thu Aug 27 , 2020
    अब हो सकेंगी नेताओं की नियुक्तियां भोपाल। मप्र सरकार ने मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड को अब मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कर दिया है। मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में यह फैसला लिया गया है। अब मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बनने के बाद इसमें राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जा सकती […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved