भोपाल। कोरोना (Corona) काल में ज्यादा तनाव, घर में लंबे समय तक बंद रहने एवं मनोरंजन की गतिविधियां बंद होने से मानसिक रोगियों (Mental Patients) की संख्या दोगुनी हो गई है। ग्वालियर स्थित प्रदेश के इकलौते मेंटल हॉस्पिटल (Mental Hospital) में मानसिक रोगियों (Mental patients) की संख्या 100 से 150 तक पहुंच है। नए मरीजों में बच्चे एवं युवा शामिल हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे लोगोंं में एंजाइटी, डिप्रेशन, एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन, पैनिक अटैक, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और सीजोफ्रेनिया (schizophrenia) जैसी बीमारियां शामिल हैं। गंभीर रोगियों के साथ सामान्य मानसिक रोगों (Mental illnesses) जैसे एंजाइटी, नींद न आने और डिप्रेशन (Depression) जैसी समस्या के मरीज भी इलाज के लिए आने लगे हैं। इन्हें दवाओं के साथ-साथ मनोचिकित्सक (Psychiatrist) की काउंसिलिंग भी दी जा रही है। मेंटल हॉस्पिटल (Mental Hospital) के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ संजय लहारिया (Dr. Sanjay Laharia) के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या दो से तीन गुना हुई है। इसमें भी 20 से 40 वर्ष के युवा ज्यादा हैं। जबकि पहली लहर में सभी आयुवर्ग के लोग थे। मानसिक समस्या से जूझ रहे लोागों को इस बात का अहसास कराना जरूरी है कि वे अकेले नहीं हैं।
इन कारणों से बढ़ी समस्या
कई मरीजों में पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर की समस्या देखी जा रही है। ये समस्या उन लोगों में है जो कोराना संक्रमण के इलाज के दौरान आईसीयू में रहे है। ठीक होने के बाद भी उन्हें वहां की घटनाएं याद आने से नींद नहीं आती है। इसे गंभीरता से न लेने पर सीजोफ्रेनिया हो सकता है। इसमें व्यक्ति के मन में आत्महत्या का विचार तक आने लगता है। दूसरी लहर में ऐसे मरीजों में से 2त्न को भर्ती करना पड़ा। 6ऐसे लोग जो खुद या परिवार का कोई सदस्य किसी हादसे का शिकार हुआ, अथवा कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी चले जाने से परेशान हैं।
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