नई दिल्ली। मामूली या मध्यम स्तर का कोरोना संक्रमण (corona infection) भी पुरुष प्रजनन प्रणाली संबंधी प्रोटीन के स्तर में बदलाव कर सकता है। इससे उनकी प्रजनन क्षमता(fertility) प्रभावित हो सकती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई (Mumbai) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
पत्रिका ‘एसीएस ओमेगा’ में पिछले सप्ताह प्रकाशित शोध में कोरोना से उबर चुके पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर का विश्लेषण किया गया।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस मुख्य रूप से श्वास प्रणाली को प्रभावित करता है, लेकिन यह वायरस (virus) और उसके प्रति शरीर की प्रतिक्रिया अन्य उत्तकों को भी नुकसान पहुंचाती है।
यह वायरस पुरुष प्रजनन अंगों में पाया गया है। इस अनुसंधान में मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया।
शोधकर्ताओं के दल ने यह पता लगाना चाहा कि कोरोना का पुरुष प्रजनन प्रणाली पर क्या कोई दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है। उन्होंने 10 स्वस्थ पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर और हल्के या मध्यम कोरोना वायरस संक्रमण से हाल में उबरे 17 पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर की तुलना की।
इन सभी पुरुषों की आयु 20 से 45 वर्ष थी और उनमें से पहले कोई प्रजनन क्षमता के अभाव की समस्या से पीड़ित नहीं रहा।
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