इंदौर (Indore)। मतदान के बाद चल रही जीत की उठापटक को लेकर रोज नए-नए कयास सामने आ रहे हैं, लेकिन इंदौर शहर की तीन सीटों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता तो श्योर हैं ही, वहीं आम लोग भी इन सीटों को भाजपा की ही बता रहे हैं। केवल यह इंतजार है कि यहां कितनी लीड जीतने वाले प्रत्याशी को मिलेगी। 1 नंबर विधानसभा को लेकर कांग्रेसी अपना दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार फिर संजय शुक्ला चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन लीड ज्यादा नहीं बताई जा रही है, वहीं हर बार फंसी हुई सीट को निकालने में माहिर समझे जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय को भाजपाई एक सौ एक प्रतिशत जीता हुआ मानकर चल रहे हैं।
उनका कहना है कि यह भाजपा की परंपरागत सीट रही है। भले ही पिछली बार कुछ गलतियों की वजह से यह सीट कांग्रेस के हाथ में चली गई थी, लेकिन इस बार फिर यह भाजपा की झोली में आ जाएगी। हालांकि विजयवर्गीय और शुक्ला, दोनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है। पिछली बार यहां से सुदर्शन गुप्ता 8 हजार 163 वोटों से हारे थे। इस अंतर को पाटकर एक बड़ी लीड लाना चुनौती बना हुआ है। वैसे यहां से भाजपा की जीत 25 हजार वोट से मानी जा रही है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे 10 से 15 हजार के बीच मान रहे हैं।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2
पिछली बार यहां से कांग्रेस ने मोहन सेंगर को टिकट दिया था और उन्हें विधायक रमेश मेंदोला ने 71 हजार 11 वोटों से हराया था। इसके पहले भी रमेश मेंदोला की लीड ज्यादा ही रही है। लगातार चौथी बार मैदान में उतरे दादा दयालु के लिए यहां जीत कोई बड़ी चुनौती नहीं है, लेकिन भाजपाई इस बार कह रहे हैं कि दादा 1 लाख वोटों से चुनाव जीत रहे हैं। उनकी इस बात को आम आदमी भी स्वीकार कर रहा है और वह भी मेंदोला को पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीतते देखना चाह रहा है। हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्षदों के जीतने की दुहाई देकर लीड कम करने और यहां तक की जीतने तक का दावा कर रहे हैं। इस सीट पर भी सबकी निगाह हैं।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4
एक झंडे पर चुनाव लडऩे का दावा करने वाली मालिनी गौड़ अपनी जीत को लेकर आशान्वित हैं। लगातार 3 बार से विधायक मालिनी गौड़ चौथी बार चुनाव मैदान में हैं और वे पिछली बार से अधिक लीड की बात कर रही हैं। हालांकि पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के वर्तमान शहर अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा को 43 हजार 90 वोट से हराया था और इस बार उनके समर्थकों का दावा है कि 50 हजार के ऊपर तो लीड जाना तय है। उनका कहना हैकि कांग्रेस ने मुद्दाविहीन चुनाव लड़ा है, जिसका फायदा उन्हें मिलेगा। वैसे कांग्रेस के राजा मांधवानी का दावा है कि इस बार जनता अपना फैसला पलट रही है और कांग्रेस का विधायक यहां बन रहा है। यहां से भी यही कयास लगाए जा रहे हैं कि मालिनी अगर जीतती हैं तो उनकी लीड कितनी होगी।
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