भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले 7 दिनों से प्रदर्शन कर रहे 19000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इन कर्मचारियों ने सोमवार को जेपी अस्पताल परिसर में स्थित मंदिर में भगवान को ज्ञापन सौंपा। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि भगवान को ज्ञापन इसलिए सौंपा, क्योंकि अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उनका कहना है कि अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ने वाले असर की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
हड़ताल पर गए इन संविदा कर्मचारियों में डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। इनकी ड्यूटी वैक्सीनेशन से लेकर अन्य कई जगह लगी थी। बता दें, संविदा कर्मचारियों ने 17 मई से 2 मांगो को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया था। पहली, वे चाहते हैं कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह 90% वेतन दिया जाए। दूसरी, आउटसोर्स किए गए निष्कासित साथियों और सपोर्ट स्टाफ को तत्काल NHM में वापस लिया जाए।
गौरतलब है कि इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सबसे पहले 17 मई को सभी जिलों के कलेक्टर, सीएमएचओ और जनप्रतिनिधियों को सीएम के नाम ज्ञापन दिया था। इसके बाद 18, 19, 20 मई को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया। 21 मई को कोरोना महामारी में शहीद हुए साथियों की तस्वीरों पर फूल माला, कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी। 22 मई को जनता के बीच जाकर अपने सुरक्षित भविष्य के लिए भीख मांगी और काले गुब्बारे छोड़े।
मध्य प्रदेश में इस वक्त स्वास्थ्य कर्मचारियों की बहुत जरूरत है। क्योंकि कोरोना के बीच अब ब्लैक फंगस ने हाहाकाल मचाना शुरू कर दिया है। ब्लैक फंगस भी मध्य प्रदेश में तेज़ी से फैल रही है। प्रदेश सरकार इसे तीन पहले ही महामारी घोषित कर चुकी है। इस बीमारी के मामले में प्रदेश अब गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देश में तीसरे नंबर पर आ गया है। आज की तारीख में यहां पर ब्लैक फंगस के एक हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं।
मध्यप्रदेश में कोरोना जहां थोड़ी राहत देता दिख रहा है वहीं ब्लैक फंगल इंफेक्शन अब मुंह बाये खड़ा है। कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस भारी पड़ रहा है। इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए भी मार्केट में दवाओं की भारी किल्लत है। सरकार भी इसकी पूर्ति करने में नाकाम साबित हो रही है। मरीज़ों के परिवार दवाओं के लिए भटक रहे हैं। अभी तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है। साथ ही मरीजों के ऑपरेशन की पेंडेंसी भी बढ़ती जा रही है।
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