आष्टा। सम्मेद शिखर बचाव आंदोलन पूरे देश मे चल रहा है। झारखंड के गिरिडिह के मधुवन मे स्थित श्री स मेद शिखर जी जैन समाज का पवित्र तीर्थ स्थल है। जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है। इसके विरोध मे ब्लॉक कांग्रेस, ग्रामीण कांग्रेस,शहर कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी,केंद्रीय पर्यावरण ,वन एवं जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव के नाम एक ज्ञापन एसडीएम आनंद रजावत को सौपा।ज्ञापन मे मांग की गई कि प्रधानमत्री जी जो आपने 2 अगस्त 2019 को पर्यटन स्थल घोषित किया था। उसको तत्काल रद्द करते हुए स मेद शिखर जी को तीर्थ स्थल के रूप में अधिसूचित किया जाए। उपरोक्त संबध मे एआईसीसी सदस्य हरपाल ठाकुर ने बताया कि भाजपा के लोग यह कह रहे है कि यह निर्णय कांग्रेस गठबंधन झारखंड सरकार की सिफारिश पर हुआ है।
जबकि सत्यता यह है कि झारखंड की भाजपा सरकार की सिफारिश पर केंद्र की मोदी सरकार ने 2 अगस्त 2019 को स मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने की अधिसूचना जारी कर दी थी। जबकि झारखंड मे कांग्रेस गठबंधन सरकार दिसंबर 2019 मे बनी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए। कि वह पर्यटन स्थल व तीर्थ स्थल का अंतर समझते हुए स मेद शिखर को तत्काल तीर्थ स्थल घोषित करे। ज्ञापन सौपने वालो मे पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार, एआईसीसी सदस्य हरपाल ठाकुर, पार्षद भैया मिया,पूर्व जनपद,पूर्व नपा अध्यक्ष डॉ मीना सिंघी, मेहरवान सिंह मूंदीखेड़ी, कृपाल मालवीय, बापूलाल मालवीय,सरपंच जितेंद्र शोभाखेड़ी, विनीत सिंघी, प्रदीप प्रगति,इदरीस मंसूरी,मसूद खां,रशीद भाई नेता जी,चेतन सेमलीबारी, गोरे मियां, मनीष खत्री, शामिल रहे।
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