लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2024 (Loksabha Elections-2024) में जीत हासिल करने के बावजूद यूपी (UP) के कई नेताओं ( leaders) की सांसदी (Parliamentarianism) पर खतरा मंडरा रहा है। इन नेताओं का भविष्य बहुत कुछ उन पर चल रहे मुकदमों (mukadamon) में अदालतों (courts) से आने वाले फैसलों पर निर्भर है। यदि अगले पांच साल के दौरान कभी भी इन्हें किसी मुकदमे में सजा मिलती है तो उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। ऐसे सांसद जिन पर आरोप तय हो चुके हैं, ज्यादातर विपक्ष के हैं।
इनमें गाजीपुर से चुनाव जीते अफजाल अंसारी का नाम नामांकन से मतदान के बीच भी बार-बार उछलता रहा। हाईकोर्ट में उनके मामले में सुनवाई को लेकर खबरें आती रहीं। इसी उहापोह में अफजाल अंसारी ने अपनी बेटी का भी पर्चा दाखिल करा दिया था। हालांकि अफजाल की उम्मीदवारी पर कोई संकट नहीं आया और वह चुनाव जीत भी गए हैं। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी पर 5 आपराधिक मामले चल रहे हैं। गैंगस्टर ऐक्ट के एक केस में उन्हें 4 साल की सजा हो चुकी है। इसी मामले को लेकर उनकी सदस्यता भी चली गई थी जिस पर अपील में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में से राहत मिली और सदस्यता बच गई। हालांकि हाईकोर्ट में उनका मामला लंबित है। यदि हाईकोर्ट से सजा का फैसला बरकरार रहा तो अफजाल की सदस्यता जा सकती है। इस केस के अलावा अफजाल के खिलाफ दो और मामलों में आरोप तय हो चुके हैं।
वहीं इस चुनाव में अच्छे मार्जिन से नगीना सीट से जीत हासिल करने वाले आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर के खिलाफ भी कई मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से चार में आरोप तय हो चुके हैं। यदि इनमें से किसी मामले में दो साल से अधिक की सजा हुई तो चंद्रशेखर की सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है।
जौनपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते बाबू सिंह कुशवाहा भी मुकदमों का सामना कर रहे सांसदों में शामिल हैं। कुशवाहा पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों समेत कई मुकदमे चल रहे हैं। आठ मामलों में आरोप तय हो चुके हैं। बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ ईडी और सीबीआई के भी केस दर्ज हैं।
इसी क्रम में सुल्तानपुर से मेनका गांधी को हराकर लोकसभा पहुंचे राम भुआल निषाद पर आठ केस दर्ज हैं। दो मामलों में आरोप तय हो चुके हैं। सजा हुई तो उनकी सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है। सहारानपुर से कांग्रेस सांसद बने इमरान मसूद पर भी आठ मामले दर्ज हैं। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी चल रहा है। दो मामलों में आरोप तय हो चुके हैं। चंदौली से सपा के टिकट पर जीते वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। एक मामले में आरोप तय हो चुका है। वहीं आजमगढ़ से जीते सपा के धर्मेन्द्र यादव के खिलाफ भी चार मामले चल रहे हैं। एक मामले में आरोप तय हो चुका है।
फतेहपुर सीकरी से भाजपा के टिकट पर जीते राजकुमार साहर पर दो भी दो केस चल रहे हैं। मोहनलालगंज से सपा के टिकट पर जीते आरके चौधरी के खिलाफ एक मामले में आरोप तय हो चुके हैं। इसी तरह बस्ती से जीते राम प्रसाद चौधरी के खिलाफ दो मामलों में आरोप तय हो चुके हैं।
पहले भी खत्म हो चुकी है कई की सदस्यता
अदालत से सजा पाने के चलते पहले भी कई की संसद सदस्यता और विधायकी जा चुकी है। यूपी के मुख्मु तार अंसारी, आजम खान, अब्दुल्ला आजम, खब्बू तिवारी, विक्रम सैनी, अशोक सिंह चंदेल, कुलदीप सिंह सेंग और राम दुलार गोंड जैसे से कई उदाहरण हैं। हाल में कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी को भी एक मामले में सात साल की सजा मिली है। उनकी भी विधानसभा सदस्यता जाना तय माना जा रहा है।
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