नई दिल्ली । पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (Punjab National Bank Scam) का मुख्य आरोपी और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चौकसी (mehul chowksi) अब बेल्जियम (Belgium) में रह रहा है। चौकसी ने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का एफ-रिसेडेंसी कार्ड हासिल किया, जिससे उसे वहां रहने और यूरोप में स्वतंत्र रूप से घूमने की छूट मिल गई। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी प्रीति चौकसी ने इस प्रक्रिया में उसकी मदद की है। प्रीकि चौकसी के पास बेल्जियम की नागरिकता है। भारतीय और एंटीगुआ सरकारों को चौकसी के नए ठिकाने का पता चलने के बाद अब भारत ने बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज कर दी है।
जालसाजी से हासिल किया बेल्जियम का वीजा
एसोसिएट टाइस्म की रिपोर्ट के मुताबिक, मेहुल चौकसी ने बेल्जियम में रेसिडेंसी पाने के लिए झूठे दस्तावेज और गलत जानकारी दी। उसने अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता से जुड़े विवरण छुपाए और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वहां की सरकार को गुमराह किया। एंटीगुआ और बारबुडा के विदेश मंत्री ईपी चेथ ग्रीन ने हाल ही में पुष्टि की कि चौकसी अब एंटीगुआ में नहीं है और वह चिकित्सा कारणों का हवाला देकर देश छोड़ चुका है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह कहां गया।
स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में चौकसी?
खबर यह भी है कि चौकसी अब स्विट्जरलैंड जाने की योजना बना रहा है, जहां वह हिरसलैंडन क्लिनिक आराऊ नामक कैंसर अस्पताल में इलाज कराने की बात कहकर मानवीय आधार पर राहत लेने की कोशिश कर सकता है। इससे पहले भी वह अपहरण और प्रताड़ना की फर्जी कहानियां गढ़कर भारत आने से बचता रहा है। चौकसी का यह नया पैंतरा बेल्जियम में स्थायी निवास (एफ+ कार्ड) लेने और वहां कानूनी सुरक्षा पाने के लिए हो सकता है।
भारत की कानूनी कार्रवाई
भारत में करीब 16,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का मास्टरमाइंड चौकसी 2017 में नागरिकता पाने के तहत एंटीगुआ का नागरिक बना था और वहां शरण ले चुका था। भारत सरकार ने उसके खिलाफ फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था और 25 सितंबर 2019 को उसे आधिकारिक रूप से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया था। इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था, लेकिन उसने हर बार कानूनी खामियों का फायदा उठाकर बचने की कोशिश की।
प्रत्यर्पण में नई बाधा
अब बेल्जियम में चौकसी के शरण लेने से भारत के प्रत्यर्पण प्रयासों को एक और झटका लग सकता है। बेल्जियम में अस्थायी रेजिडेंसी मिलने के बाद वह यूरोप के अन्य देशों में भी आसानी से आ-जा सकता है। वहां स्थायी निवास मिलने के बाद उसे भारत भेजना और भी मुश्किल हो सकता है। बेल्जियम सरकार द्वारा उसके बैकग्राउंड की सही तरीके से जांच न करने पर सवाल उठ रहे हैं। जनता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा उठाया जा रहा है कि बेल्जियम सरकार ने उसकी नागरिकता आवेदन प्रक्रिया में सतर्कता क्यों नहीं बरती। अब देखना होगा कि भारत सरकार चौकसी को वापस लाने के लिए आगे क्या कदम उठाती है।
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