कहा- ‘केंद्र सरकार का रवैया तानाशाही वाला, रिहा किया जाए’
नई दिल्ली। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार को पीएसए के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। इस मामले को लेकर पहले कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम और उसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला किया था। अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस फैसले को केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया है। साथ ही महबूबा की रिहाई की मांग की है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।
प्रियंका ने आगे लिखा, बीजेपी सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली ‘बातचीत’ से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है। मुफ्ती को नजरबंद रखना आलोकतंत्रिक और असंवैधानिक है। उन्हें रिहा करना चाहिए।
हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।
भाजपा सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 2, 2020
दरअसल, पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पहले मुफ्ती समेत सैकड़ों लोगों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री की हिरासत के मौजूदा आदेश की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, मुफ्ती अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले तीन महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है।
आदेश में कहा गया है, ‘‘कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हिरासत की अवधि आगे विस्तारित करने की सिफारिश की है और इस पर गौर करने के बाद इसे जरूरी समझा गया। फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला समेत मुख्यधारा के अधिकतर नेताओं को हिरासत से रिहा किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को प्रशासन ने रिहा कर दिया।
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