नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोपों का सामना कर रहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को करीब पांच घंटे पूछताछ की थी। अब ईडी की टीम ने अपना पूरा ध्यान महबूबा मुफ्ती के घर पर छापेमारी में पिछले साल मिली दो डायरियों पर लगा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ये डायरियां उनके सहायकों की ओर से संभाली जाती थीं। इन्हें 23 दिसंबर, 2020 को श्रीनगर में उनके घर पर से बरामद किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार पीडीपी प्रमुख ने उन डायरियों में से एक डायर का पन्ना भी दिखाया। आरोप है कि इस डायरी में मुख्यमंत्री फंड से अपने रिश्तेदारों पर व पार्टी गतिविधियों और निजी तौर पर किए गए खर्च का ब्योरा दर्ज है। गुरुवार को पूछताछ होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस देश में विरोधियों को आपराधिक ठहराया जाता है। जो भी केंद्र सरकार के खिलाफ बोलता है उसे या तो गंभीर आरोपों में फंसाया जाता है और या फिर जांच एजेंसियों की ओर से उसे समन दिया जाता है। ईडी, सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्ष को दबाने के लिए हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह देश संविधान के अनुसार नहीं चल रहा है, बल्कि यह किसी एक पार्टी के एजेंडे पर चल रहा है। मुफ्ती ने कहा कि उन्हें बिलकुल भी डर नहीं लग रहा है क्योंकि वह बेगुनाह हैं। उनका कहना है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर की समस्याओं के लिए आंदोलन जारी रखेगी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने दावा किया है कि 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी को अशांत रखने के लिए पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा ने कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, उर्फ अल्ताफ फंटूश को पांच करोड़ रुपये दिए थे। पारा को जनवरी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-ताइबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में जम्मू में एक विशेष अदालत में दायर एक चार्जशीट में ये खुलासा किया था। एनआईए ने आरोप लगाया कि जुलाई 2016 में सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए वानी की मौत के बाद, पारा अल्ताफ अहमद शाह के संपर्क में था, और उसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि था कि कश्मीर घाटी पूरी तरह अशांत रखनी है, वहां पथराव और हिंसात्मक घटनाएं व्यापक पैमाने पर होनी चाहिए।
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