श्रीनगर। पीडीपी चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti Released) को आखिरकार रिहा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद से जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ली गईं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत की अवधि अगस्त में तीन महीने और बढ़ा दी गई थी। रिहा होने के बाद मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर का संघर्ष जारी रहेगा। काले कानून के फैसले की बेइज्जती भूले नहीं है।
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने रिहाई के फौरन बाद ही फिर से संघर्ष का ऐलान किया है। जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में ली गईं मुफ्ती को मंगलवार रात में रिहा कर दिया गया। उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर ऑडियो संदेश जारी कर आर्टिकल 370 (Article 370) के प्रावधानों को हटाए जाने को काला फैसला करार दिया और कहा कि कश्मीर का संघर्ष जारी रहेगा।
जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के साथ ही महबूबा मुफ्ती को पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया था। तबसे अब तक उनकी हिरासत की अवधि लगातार बढ़ाई जा रही थी। आखिरकार 14 महीने और आठ दिन बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें रिहा करने का फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव सूचना रोहित कंसल ने इसकी जानकारी दी।
महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर शेयर किए गए ऑडियो संदेश में कहा, ‘मैं आज एक साल से भी ज्यादा समय के बाद रिहा हुई हूं। 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे यकीन है कि ऐसी ही स्थिति जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। कोई भी उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।’ सुनिए महबूबा का संदेश-
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
कश्मीर के मसले को हल करने की जद्दोजहद जारी रहेगी’
महबूबा ने कहा, ‘दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। साथ ही कश्मीर के मसले को हल करने के लिए जद्दोजहद जारी रखनी होगी, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा। जम्मू कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।’
उमर अब्दुल्ला ने किया महबूबा का स्वागत
महबूबा की रिहाई की खबर पर उनके राजनीतिक विरोधी उमर अब्दुल्ला ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘करीब एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में चल रहीं महबूबा मुफ्ती साहिबा की रिहाई की खबर सुनकर मैं बेहद खुश हूं। उनकी लगातार बढ़ती हिरासत एक त्रासदी थी और लोकतंत्र के मूलभूत अधिकारों के खिलाफ थी। आपका स्वागत है महबूबा।’
बेटी इल्तिजा ने सबका शुक्रिया अदा किया
महबूबा की अनुपस्थिति में उनका ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस्तेमाल कर रही थीं। इल्तिजा ने ट्वीट किया, ‘महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत की अवधि खत्म होने के साथ ही मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस दौरान मेरा साथ दिया। मैं आप सभी की अहसानमंद हूं। अब मैं इल्तिजा, इस अकाउंट से साइन ऑफ कर रही हूं।’
उमर, फारूक, महबूबा समेत कई बड़े नेता हिरासत में लिए गए थे
बीते साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के साथ ही एहतियातन पीएसए के तहत 444 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से ज्यादातर लोगों को अब रिहा कर दिया गया है। कुछ लोगों को इस शर्त पर रिहाई दी गई कि वे कोई भी राजनीतिक बयान जारी नहीं करेंगे। हिरासत में लिए गए लोगों में मुफ्ती के अलावा घाटी के प्रमुख बड़े नेता उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे। महबूबा को उनके आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में हिरासत में रखा गया था। हिरासत के साथ ही प्रशासन ने इस बंगले को उपजेल घोषित किया था।
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