जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार देर शाम पीडीपी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 14 महीने बाद नजरबंदी से रिहा कर दिया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने से एक दिन पहले यानि 4 अगस्त को महबूबा मुफ्ती को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद से अभी तक उन्हें नजरबंद रखा गया था।
बीते साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के साथ ही एहतियातन पीएसए के तहत 444 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से ज्यादातर लोगों को इस शर्त के साथ रिहा कर दिया गया है कि वे कोई भी राजनीतिक बयान जारी नहीं करेंगे। इससे पहले नजरबंद किये गए नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला 15 मार्च को और नेशनल कांग्रेस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला 25 मार्च को रिहा किये गए थे। इसके अलावा कई अन्य नेताओं को भी प्रशासन ने रिहा कर दिया था परन्तु महबूबा मुफ्ती को अब तक नजरबंद रखा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत की अवधि अगस्त में तीन महीने और बढ़ा दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव सूचना रोहित कंसल ने आज शाम ट्विट करके महबूबा को भी रिहा करने की जानकारी दी। महबूबा मुफ़्ती की बेटी ने उनकी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर कर रखी है जिस पर 29 सितम्बर को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था। कोर्ट ने पूछा था कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत अधिकतम कितने दिन की हिरासत हो सकती है और महबूबा को कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कुछ समय मांगा था।
महबूबा की अनुपस्थिति में उनका ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस्तेमाल कर रही थीं। इल्तिजा ने ट्वीट किया, ‘महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत की अवधि खत्म होने के साथ ही मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस दौरान मेरा साथ दिया। मैं आप सभी की अहसानमंद हूं। अब मैं इल्तिजा, इस अकाउंट से साइन ऑफ कर रही हूं।’
पार्टी के अधिकृत ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शुक्रवार, 16 अक्टूबर, 2020 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगी। प्रेस की टाइमिंग अलग से साझा की जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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