नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के पुनर्वास का मुद्दा (Rehabilitation Issue) एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आवाज बुलंद की है। पीडीपी के नेता वहीद पारा (PDP leader Waheed Parra) ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले को केवल पुनर्वास और राहत के नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि सरकार को कश्मीरी पंडित समुदाय के दर्द और पीड़ा के रूप में समझना चाहिए।
कश्मीरी पंडितों ने बहुत कुछ खोया: पीडीपी
वहीद पारा ने कहा, “कश्मीरी पंडितों ने बहुत कुछ खोया है। यह सिर्फ एक शरणार्थी संकट नहीं है, बल्कि एक पूरे समुदाय के सम्मान और पहचान का मामला है। हमें उनके दर्द को समझकर इसे तेजी से हल करने की जरूरत है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जिला स्तर पर सरकार और कश्मीरी पंडितों के बीच समन्वय बढ़ाया जाना चाहिए और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए निरंतर संवाद आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को केवल माइग्रेंट के मुद्दे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उनके समग्र विकास के लिए प्रयास किए जाने चाहिए, न कि उन्हें अलग-थलग करने की नीति अपनाई जानी चाहिए।
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