श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu-Kashmir Government) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष (PDP President) और पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM) महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को 15 नवंबर तक या उससे पहले (On or Before November 15) सरकारी बंगला (Government Bungalow) खाली करने (To Vacate) का आदेश दिया (Ordered) । जम्मू-कश्मीर संपदा विभाग ने सुश्री मुफ्ती को गुप्कर रोड स्थित ‘फेयरव्यू’ बंगला खाली करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि मुफ्ती ‘अनधिकृत’ रूप से इस बंगले में रह रही हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मुफ्ती को आवंटित बंगला उन्हें 27 अप्रैल 2017 को तत्कालीन राज्य की मुख्यमंत्री के तहत छह महीने के लिए दिया गया था और बाद में इसे 31 अक्टूबर 2018 तक बढ़ा दिया गया था और इसके बाद इसमें कोई विस्तार नहीं किया गया। आदेश में कहा गया है कि उसके बाद वह अब सरकारी बंगले की हकदार नहीं थीं, क्योंकि कानूनी प्रावधान जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री विभिन्न सुविधाओं के हकदार थे, भारत सरकार द्वारा 2020 में निरस्त कर दिया गया था। सरकार ने कहा कि पूर्व में बेदखली के नोटिस पर मुफ्ती का जवाब 22 अक्टूबर को मिला था।
उन्होंने कहा, ‘आपने ( मुफ्ती) जो तथ्य रखे हैं वे आपको सरकारी आवास को बनाए रखने के लिए कहीं से भी हक नहीं देते हैं। विशेष रूप से ऐसे में जब सरकार ने आपको सुरक्षा या किसी अन्य आधार पर वैकल्पिक आवास प्रदान करने की अपनी इच्छा को लिखित रूप में सूचित किया है। अब, इसलिए, जम्मू- कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1988 की धारा 5 की उप-धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया जाता है कि महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री और सभी व्यक्ति जो अनुसूचित परिसर या उसके किसी हिस्से पर कब्जा कर रहे हैं, वे 15.11.2022 को या उससे पहले निर्धारित परिसर को खाली कर सकती हैं।’
आगे कहा गया है, ‘निर्दिष्ट अवधि के भीतर इस आदेश का पालन करने से इनकार करने या विफल होने की स्थिति में, जम्मू- कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम, 1988 की धारा 5 की उप-धारा (2) के प्रावधान आपके खिलाफ लागू किए जाएंगे।’ फेयरव्यू बंगला वर्ष 2005 में मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को आवंटित किया गया था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय छोड़ दिया था।
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