अलीगढ़ (Aligarh) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की पूर्व सीएम एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) मुखिया ने दो दिन पहले पुंछ जिले के एक मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक (anointing) किया था. इस मामले में कई मुस्लिम संस्थाएं उनके विरोध में आ गई हैं. इसी क्रम में यूपी के अलीगढ़ में थियोलॉजी विभाग (Department of Theology) के पूर्व चेयरमैन व मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती जाहिद अली खान (Mufti Zahid Ali Khan) ने कहा कि खुदा के अलावा जो किसी और की इबादत करता है, वो इस्लाम से खारिज है.
‘जो पूजा करेगा, वो इस्लाम से खारिज’
प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद अली खान ने कहा कि शिवलिंग पर जल चढ़ाना पूजा होती है, जो पूजा करेगा, वो इस्लाम से खारिज होगा. ऐसा करने वालों को इस्लाम में वापस आने के लिए दोबारा कई काम करने होंगे. महबूबा मुफ्ती ने इस्लाम की तालीमात के खिलाफ काम किया है. इस्लाम केवल अल्लाह की इबादत की इजाजत देता है, जो ऐसा करेगा वो इस्लाम की तालीमात के खिलाफ होगा.
‘मुसलमानों के घर पैदा होने से मुसलमान नहीं होता’
जाहिद अली खान ने कहा कि मुसलमानों के यहां पैदा होने से कोई मुसलमान नहीं होता और गैर मुस्लिम के घर पैदा होने से गैर मुस्लिम नहीं होता. अल्लाह के अलावा किसी की भी इबादत करने वाला, काफिर होता है. ऐसा करने वालों को दोबारा इस्लाम धर्म में आने के लिए कलमा-ए-तैयबन और कलमा-ए-शादत (Kalma-e-Shadat) पढ़ना होगा. इस्लाम के मुताबिक, अकीदा रखने पर मुसलमान होता है. कोई पैदाइशी मुसलमान नहीं होता. बालिग होने के बाद अल्लाह पर ईमान लाना और तमाम नवियों पर ईमान लाना होता है.
इसी मामले में देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी भी महबूबा मुफ्ती को खरीखोटी सुना चुके हैं. उलेमा ने कहा था कि महबूबा मुफ्ती ने जो किया, वह गलत है. उन्हें इस तरह का काम नहीं करना चाहिए. महबूबा मुफ्ती हों या आम मुसलमान, किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए, जिसकी इस्लाम में कोई जगह न हो.
महबूबा मुफ्ती जानती हैं कि इस्लाम में क्या गलत है. हालांकि, उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में हर आदमी आजाद है. वह क्या कर रहा है, वह क्यों कर रहा है, क्यों नहीं कर रहा है, वह अपनी मर्जी का मालिक है. मगर जो उन्होंने किया, वह इस्लाम के खिलाफ है और सही नहीं है.
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