श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर बनाए गए नए नियमों से संबंधित नोटिफिकेशन पर सियासी उबाल जारी है। सरकार के इन नियमों के खिलाफ पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल होने जा रहीं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को कई कार्यकर्ताओं समेत हिरासत में ले लिया गया। इससे महबूबा मुफ्ती भड़क गईं और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला।
पीडीपी ने गुरुवार को प्रदर्शन का ऐलान किया था। पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में श्रीनगर स्थित पार्टी के मुख्यालय के सामने पहुंचे। यहां से एक रैली निकालने की तैयारी थी। इसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘श्रीनगर में पीडीपी का दफ्तर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सील कर दिया है। कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। आपकी नजर में क्या यही ‘सामान्य’ हालात हैं जो आप पूरी दुनिया को दिखा रहे हैं?’
PDP’s @parawahid, Khurshid Alam, Rouf Bhat,@MohsinQayoom_ & @buttkout were arrested by J&K police for protesting against the settler colonial land laws thrusted upon people of J&K. We will continue to raise our voice collectively & wont tolerate attempts to change demographics pic.twitter.com/2pHz7QWivt
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 29, 2020
पीडीपी चीफ ने आरोप लगाया, ‘ये लोग (बीजेपी) जम्मू-कश्मीर के संसाधन लूट के ले जाना चाहते हैं। बीजेपी ने गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दी, वो J&K में ज़मीन क्या खरीदेगा? दिल्ली से रोज एक फ़रमान जारी होता है, अगर आपके पास इतनी ताकत है तो चीन को निकालो जिसने लद्दाख की ज़मीन खाई है, चीन का नाम लेने से थरथराते हैं।’
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘J&K की ज़मीन को लूटने का जो कानून बीजेपी ने पास किया है उसके खिलाफ आज पीडीपी के लोग प्रदर्शन करने जा रहे थे, उनको गिरफ्तार किया, रात को घर से उठाया गया। मैंने थाने में उनसे मिलने की कोशिश की तो मुझे रोक दिया गया, जम्मू-कश्मीर को एक जेल में तब्दील किया गया है।’
महबूबा ने एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पीडीपी के पारा वाहिद, खुर्शीद आलम, राउफ भट्ट, मोहसिन कय्यूम, ताहिर सईद, यासीन भट्ट और हामिद कोहसिन को गिरफ्तार किया है। ये लोग भूमि कानून का विरोध कर रहे थे, जो राज्य की जनता पर लाद दिया गया है। हमलोग एकजुट होकर अपनी आवाज उठाते रहेंगे और जनसांख्यिकी बदलने की केंद्र सरकार की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
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