20 साल पहले आईडीए ने संवारा था, उसके बाद से हाल बेहाल
इंदौर। कभी शहर के सबसे बड़े पार्क के रूप में पहचाने जाने वाले मेघदूत उपवन (Meghdoot Upvan) की हालत खस्ता है। वहां अव्यवस्थाओं के चलते रहवासियों से लेकर कई लोगों ने शिकायतें की थीं। अब नगर निगम उसे संवारने के लिए योजना तैयार कर रहा है, ताकि उसे फिर से संवारा जा सके और पीपीपी (PPP) मॉडल पर किसी एजेंसी को संचालन के लिए सौंपा जा सके।
नगर निगम शहर (Indore Nagar Nigam) के उद्यानों को संवारने के लिए कई कार्य करा रहा है। हाल ही में शहर के सभी उद्यानों में योग केंद्र से लेकर कई अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए कक्ष और हॉल बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। नगर निगम के शहरभर में 1300 से ज्यादा उद्यान हैं। इनमें से अधिकांश उद्यान उजाड़ पड़े थे, जिन्हें संवारने का काम अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है। अब इसी के साथ शहर के सबसे बड़े उद्यान मेघदूत उपवन को भी संवारने की तैयारी है। 20 साल पहले आईडीए ने इस उद्यान को बेहतर ढंग से संवारकर निगम के हवाले किया था, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में उद्यान उजाड़ होता गया और आज यह स्थिति है कि वहां कई हिस्से जर्जर हैं। जनकार्य और उद्यान विभाग के प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक अब निगम द्वारा अधिकारियों को मेघदूत को संवारने के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि फिर से कई विकास कार्य कराकर उद्यान को बेहतर बनाया जा सके। फिलहाल उक्त उद्यान में निगम की एक बड़़ी नर्सरी भी संचालित हो रही है। पहले यह नर्सरी नेहरू पार्क में हुआ करती थी, जिसे स्मार्ट सिटी के चल रहे कार्यों के कारण वहां से हटा दिया गया। राठौर के मुताबिक उद्यान को संवारने के बाद उसे किसी एजेंसी को मेंटेनेंस के लिए पीपीपी मॉडल पर दिए जाने का भी प्रस्ताव है, ताकि उद्यान की स्थिति फिर से बदतर न हो सके
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