वॉशिंगटन: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को सोते-जागते बस कश्मीर (Kashmir) ही नजर आता है. वो इस कोशिश में रहते हैं कि कश्मीर को लेकर किसी तरह भारत (India) को कठघरे में खड़ा किया जाए. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भी उन्होंने फिर यही प्रयास किया और हर बार की तरह इस बार भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी. भारत की युवा अधिकारी ने इमरान खान के मंसूबों पर पानी फेरते हुए ऐसी फटकार लगाई कि वो शायद ही कभी भूल पाएं.
ये कहा था Imran Khan ने
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इमरान खान ने कहा कि कश्मीर की डेमोग्राफी में भारत बदलाव करना चाहता है. उन्होंने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को शहीद बताते हुए यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान से ही दोनों देशों में शांति होगी. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे (Sneha Dubey) ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा और एक के बाद एक हमले करती गईं.
Sneha Dubey ने ऐसे लगाई क्लास
स्नेहा दुबे ने राइट-टू-रिप्लाई का इस्तेमाल करते कहा, ‘यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान के नेता ने यूएन के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए किया है. पाकिस्तानी नेता इससे अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां आतंकी खुले घूमते हैं. जबकि आम नागरिक, खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ अत्याचार किया जाता है’.
2012 बैच की IFS हैं स्नेहा
पूरी दुनिया के सामने इमरान खान को आईना दिखाने वाली स्नेहा दुबे ने पहले अटेम्प्ट में ही UPSC में सफलता प्राप्त की थी. वे 2012 बैच की महिला IFS अधिकारी हैं. आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई. इसके बाद उन्हें 2014 में मैड्रिड के भारतीय दूतावास भेजा गया. मौजूदा वक्त में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव हैं.
दिल्ली और पुणे से की है पढ़ाई
स्नेहा को शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि थी, इसलिए उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का फैसला किया. स्नेहा ने दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से एमए और एमफिल किया है. हालांकि, उनकी शुरुआती शिक्षा गोवा में हुई. इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक किया. स्नेहा दुबे सिविल सेवा में जगह बनाने वालीं परिवार की पहली सदस्य हैं.
‘आतंकियों को पनाह देने का इतिहास’
संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्नेहा दुबे ने कहा कि कई देशों को यह जानकारी है कि पाकिस्तान का आतंकियों को पनाह देने, उन्हें सक्रिय रूप से समर्थन देने का इतिहास रहा है. यह उसकी नीति है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा देश है, जिसे विश्व स्तर पर आतंकियों को समर्थन देने, हथियार उपलब्ध कराने और आर्थिक मदद करने के रूप में पहचान मिली है.
POK खाली करने को भी कहा
स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण भाग भारत का अभिन्न था, है और रहेगा. इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं. हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की अपील करते हैं’. बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश करता रहा है.
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