नई दिल्ली (New Delhi) । मीना कुमारी (Meena Kumari) अपने जमाने की मशहूर अदाकारा (famous actress) थीं। आज भले ही वह हमारे बीच ना हो, लेकिन उनकी दमदार अदाकारी और हर एक अदा दर्शकों के दिलों में जिंदा है। मीना कुमारी जितनी खूबसूरत थीं, उतनी ही खूबसूरती से वह फिल्मों (movies) में अपने किरदार निभाती थीं। बचपन में मीना के घर की माली हालत ठीक नहीं थी, जिसके कारण उन्हें कम उम्र में ही काम करना पड़ा। बचपन में मां बाप और भाई बहनों के लिए पैसे कमाने के लिए मीना ने अभिनय का रास्ता चुना। मीना ने मजबूरी में अभिनय शुरू किया था, लेकिन वह आगे चलकर उनका शौक बन गया। आज अभिनेत्री की पुण्यतिथि है। चलिए इस मौके पर जानते हैं अभिनेत्री की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें….
मीना कुमारी का जन्म 31 मार्च 1933 को मुंबई में हुआ था। मीना ने स्कूल की पढ़ाई नहीं की थी, लेकिन उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था। वह शायरी की शौकीन थीं। साल 1939 में मीना ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। वह विजय भट्ट की फिल्म ‘लैदरफेस’ में नजर आई थीं। 1952 में आई फिल्म ‘बैजू बावरा’ से उन्होंने प्रसिद्धि पाई, जिसने अभिनेत्री के करियर में चार चांद लगा दिए।
मीना बचपन से ही अभिनय करती आ रही थीं, जिस कारण उनके लिए लाइट और कैमरे से दूर रहना नामुमकिन था, लेकिन जब वह मौत के कगार पर पहुंचीं तो उसी बॉलीवुड इंडस्ट्री को कोसने लगी थीं। फिल्मों और करियर को लेकर मीना की किस्मत जितनी अच्छी थी, उनकी असल जिंदगी उतने ही तूफानों से भरी हुई थी। उन्होंने अपनी जिंदगी में इतने दुख देखे कि उन्हें ‘ट्रेजिडी क्वीन’ भी कहा जाने लगा। जहां बचपन में मीना को कोई सुख नहीं मिला था, वहीं उनकी शादीशुदा जिंदगी भी सुखी नहीं रही।
एक साथ काम करते हुए कमाल अमरोही और मीना कुमारी एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और शादी करना चाहते थे, लेकिन कमाल पहले से ही शादीशुदा थे, इसलिए उन्होंने चोरी-छिपे मीना से निकाह किया। शादी के कुछ महीने बाद ही दोनों के बीच झगड़े होने लगे। कमाल को मीना का देर रात तक काम करना पसंद नहीं था। साथ ही वह उन पर रोक-टोक भी लगाते थे। इंटरव्यू के दौरान कमाल के बेटे ताजदार (कमाल की पहली पत्नी से हुए बेटे) ने खुलासा किया था कि उन्होंने मीना के सामने शादी की कई शर्तें रखी थीं, जैसे वह 6:00 बजे से पहले घर लौट आएंगी, रिवीलिंग कपड़े नहीं पहन सकतीं, किसी को-स्टार के साथ बाहर नहीं जाएंगी और न ही कोई नई फिल्म साइन करेंगी।
कमाल की लगाई गईं पाबंदियों के कारण मीना को उनकी जिंदगी कैद जैसी लगने लगी। लोग उन्हें ‘पिंजरे का पंछी’ भी कहने लगे, जिसके बाद उन्होंने फिल्मों में काम करने की इच्छा जताई, लेकिन कमाल ने इस शर्त पर उन्हें काम करने दिया कि उनकी फिल्म की सारी स्क्रिप्ट पहले वह खुद पढ़ेंगे। दोनों के बीच झगड़े बढ़ते गए और आखिरकार एक रोज दोनों तलाक के बाद अलग हो गए। हालांकि तलाक के बाद भी मीना, कमाल की फिल्मों में काम करती रहीं।
मीना कुमारी को शराब पीने की लत लग चुकी थी। ज्यादा शराब पीने के कारण उनकी हालत खराब होती गई और वह गंभीर बीमारी की शिकार हो गईं। कहा जाता है कि आखिरी दिनों में जब वह अकेली थीं, तब उन्हें गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कमाल से माफी मांगी थी। कमाल ने भी उन्हें माफ कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने ‘पाकीजा’ फिल्म की शूटिंग पूरी की, लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद ही वह लिवर सिरोसिस बीमारी की शिकार हो गईं और दवाई की जगह शराब पीने लगीं। आखिरकार 31 मार्च 1972 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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