भोपाल। दवा विक्रेता पर तीसरी नजर का पहरा रहेगा। हर दवा की दुकान पर कैमरा लगाए जाएंगे। खासकर उन दवाओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी, जो स्कूल कालेज के आसपास संचालित हो रही हैं। असल में बाल आयोग द्वारा प्रदेश के समस्त प्रशासनिक अफसरों को दवा से बढ़ती नशाखोरी पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। जिसको लेकर सभी दवा विक्रेताओं को दुकान पर कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि शेड्यूल दवाओं के सेवन से लोग नशाखोरी कर रहे हैं। यह प्रवृति बच्चों में तेजी से बढ़ी है। इसको लेकर अब बिना पर्चे के यदि कोई भी दुकानदार दवा की बिक्री करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इस बात की भी निगरानी रखी जाएगी कि यदि 18 साल से कम उम्र के कितने लोग दवा खरीदने दुकान पर पहुंचे। स्कूल के प्राचार्य भी इस बात की रिपोर्ट करेंगे कि उनके आसपास कोई दुकानदार इन दवाओं को बिना पर्चे के बेच रहा है या नहीं। यह भी बताएंगे कि उनके स्कूल व कालेज में कोई छात्र नशाखोरी तो नहीं करता। यदि कोई नशाखोरी करता है तो उसकी सूचना संंबंधित अफसरों को देनी होगी। थोक व खेरिज दुकानदारों को कैमरा लगाने होंगे।
कैमरा नहीं लगवाने पर कार्रवाई
नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक युद्ध नशे के विरूद्ध के संबंध में संयुक्त कार्य योजना जारी की गई है। जारी की गई योजना अंतर्गत दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के अंतर्गत औषधियों अनुसूचियों की बिक्री करने वाले औषधिय विक्रय संस्थानों पर छह माह के अंदर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किया जाना है। उक्त संबंध में समस्त औषधिय विक्रेता जो औषधियों की अनुसूचियों ( शेड्यूल एच और शेड्यूल एक्स) की औषधियां विक्रय करते हैं, ऐसे संस्थानों पर कैमरे स्थापित करने संबंधित आदेश कलेक्टर द्वारा जारी किया गया है। साथ ही एक माह के अंदर दुकानदारों को पालन प्रतिवेदन सहित उन औषधिय विक्रय संस्थानों की सूची प्रस्तुत करें, जिनके द्वारा संस्थान में कैमरा स्थापित कर लिया गया है। समय सीमा में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगवाने वाले संस्थानों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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