इंदौर। ओमेगा-3, विटामीन सहित अन्य गुणों से भरे ड्रैगन फ्रूट हालांकि महंगा मिलता है। अब उसकी भी खेती इंदौर में करवाई जाएगी। औषधीय खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। कलेक्टर मनीष सिंह प्राकृतिक खेती की लगातार मॉनिटरिंग तो कर ही रहे हैं, वहीं किसानों से सीधे चर्चा कर उन्हें भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। नतीजतन जिले के कई किसान प्राकृतिक खेती को अपनाने में भी लगे हैं। अश्वगंधा, मूसला, अकरकरा, कुसुम आदि के साथ मधुमक्खी पालन के लिए भी किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि खेती-किसानी लाभ का धंधा बन सके।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कल कृषि तकनीकी प्रबंध संस्था (आत्मा) की गवर्निंग बॉडी की बैठक ली। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और उन्नत किसान तथा गवर्निंग बॉडी के सदस्य मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये किये जा रहे नवाचारों की जानकारी ली। उन्होंने नवाचार के रूप में अकरकरा तथा अश्वगंधा की खेती करने वाले किसानों से चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि ऐसे किसानों को प्रोत्साहित किया जाये, जो लाभप्रद खेती कर रहे हैं।
साथ ही जिले के अन्य किसानों को भी प्रेरित किया जाये कि वे अश्वगंधा, मुसली, अकरकरा तथा कुसुम की खेती करें। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि जिले में ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिये भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने किसानों से संबंधित शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत ऐसे किसानों को चिन्हित किया जाये, जो कि वास्तविक रूप से योजना का लाभ प्राप्त कर परिणाम देने के इच्छुक हैं। उन्होंने विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर देना सुनिश्चित किया जाये।
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