जबलपुर। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि चिकित्सा कार्य व्यवसाय नहीं, मानव सेवा है। यह कार्य ईश्वर की कृपा से मिलता है। चिकित्सक मानवता (doctor humanity) की सेवा पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करें। मरीज के प्रति सेवा भाव रखें। समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति का भी पूरी निष्ठा के साथ इलाज करें। मरीजों से सहृदयता से बात करें।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल शनिवार को जबलपुर में मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में वर्ष 2015 से 2018 तक के मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, नर्सिंग, पैरामेडिकल आदि फेकल्टी के 73 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और 120 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम की दिशा में गति से कार्य करने की आवश्यकता है। सभी यूनिवर्सिटी इसके लिये 5-5 गाँवों की जिम्मेदारी लें और सिकल सेल बीमारी के बारे में जागरूकता लाकर इसकी रोकथाम का प्रयास करें। बीमारियों की रोकथाम के लिये जीवन-शैली और आहार-विहार पर आज विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विदेशी जीवन-शैली को बदलने की आवश्यकता है।
समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि विद्यार्थियों को आज पीड़ित मानवता की सेवा के लिये डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं। सच्चे मन से पीड़ित मानवता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। ऐसा करने वाला मध्य्रपदेश देश का पहला राज्य होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ भी दी।
कुलपति समान शेखर ने मेडल और डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों को समर्पित भाव से मानवता की सेवा करने की शपथ दिलाई। दीक्षांत समारोह में विधायक अशोक रोहाणी, विनय सक्सेना, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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