भीलवाड़ा। कोरोना पर काबू पाने के लिए देश में टीकाकरण किया जा रहा है। लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में टीके लगवाएं, जिससे कोरोना को मात दी जा सके। इसके बावजूद आम जनता के मन में तमाम भ्रांतियां हैं, जिसके चलते लोग टीका लगवाने से कतरा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा में सामने आया। यहां मेडिकल टीम कोरोना का टीका लगाने पहुंची तो महिला और पुरुष अपने-अपने घर छोड़कर भाग गए।
हाथ-पैर जोड़कर कहा, मत लगाओ टीका
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा घटनाक्रम भीलवाड़ा जिले में कोठारी नदी के किनारे बसे गाडोलिया लोहार बस्ती का है। यहां बागोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम कोरोना का टीका लगाने पहुंची थी, लेकिन लोगों ने टीका लगवाने से साफ इनकार कर दिया। कुछ लोगों ने तो स्वास्थ्यकर्मियों के सामने हाथ-पैर तक जोड़ दिए, लेकिन टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं हुए।
घर छोड़कर भाग गए लोग
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों के काफी समझाने के बाद भी लोग कोराना का टीका लगवाने के लिए नहीं माने। स्थानीय लोग बार-बार कहते रहे कि हमें टीका नहीं लगाना। इस दौरान एक शख्स तो अपना काम छोड़कर भाग गया। वहीं, महिलाओं ने टीका नहीं लगवाया। स्वास्थ्यकर्मियों के मुताबिक, जब परिवार का मुखिया टीका लगवा लेता है तो बाकी सदस्य भी तैयार हो जाते हैं, लेकिन गाडोलिया लोहार बस्ती में ऐसा नहीं हो सका।
महाराणा प्रताप से है गाडोलिया लोहार का ताल्लुक
बता दें कि गाडोलिया लोहार के लोग अब भी बैलगाड़ी में निवास करते हैं और लोहे के औजार बनाते हैं। महाराणा प्रताप से इनका ताल्लुक बताया जाता है। दरअसल, अकबर से युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप के साथ गाडोलिया लोहारों ने भी उनके साथ जंगल-जंगल भटकने की सौगंध खाई थी। उन्होंने कहा था कि जब तक हम महाराणा प्रताप के साथ मेवाड़ फतेह नहीं कर लेंगे, तब तक अपने घरों में नहीं, गाड़ियों में रहेंगे। उस सौगंध के कारण ये परिवार अब भी गाड़ियों में ही रहते हैं। वहीं, शिक्षा की कमी के चलते वे कोरोना के टीके से डर रहे हैं।
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