नई दिल्ली। नीट पीजी प्रवेश परीक्षा का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है। इस बार मामला काउंसलिंग को लेकर नहीं बल्कि 2022 की प्रवेश परीक्षा को टालने के लिए है। नीट पीजी प्रवेश परीक्षा 2022 को स्थगित करवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
अखिल भारतीय मेडिकल छात्र संघ (AIMSA) द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने के लिए बुधवार, चार मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इससे पहले नीट पीजी परीक्षा टालने की मांग को लेकर को मेडिकल छात्रों के दो अन्य संगठन FAIMA और UDFA भी लगातार आवाज उठा रहे हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर राहत देने की मांग कर चुके हैं।
एडवोकेट संदीप एस तिवारी ने एक सोशल मीडिया में पोस्ट में कहा कि ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AIMSA) की ओर से हमने 21 मई, 2022 की निर्धारित नीट पीजी प्रवेश परीक्षा के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। उम्मीदवारों ने नीट पीजी 2021 की चल रही काउंसलिंग और नीट पीजी 2022 की परीक्षा की तारीखों के टकराव तथा तैयारी के लिए पर्याप्त समय न मिलने के कारण अपनी समस्याएं उठाईं हैं।
बता दें कि सोशल मीडिया पर भी नीट पीजी 2022 को स्थगित करने को लेकर एक बार फिर मामला ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है, क्योंकि उम्मीदवारों की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाने के कारण वे पीजी प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने पर जोर दे रहे हैं। उम्मीदवारों ने दावा किया है कि नीट पीजी 2021 काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी के कारण परीक्षा से पहले और काउंसलिंग प्रक्रिया समाप्त होने में बहुत कम अंतर है।
उम्मीदवारों और डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से नीट पीजी प्रवेश परीक्षा को टालने की मांग को लेकर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, प्रधानमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया जा रहा है। FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन और UDFA यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखे गए हैं। वहीं, अखिल भारतीय मेडिकल छात्र संघ (AIMSA) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है।
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